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पृष्ठ:काजर की कोठरी.djvu/२२

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22 याजरीपोठरी ? पसद महीपरता। इसीलिए उसने इस डग गे सरसा पो बदनाम बरस पौण छुपाना पाहा है। इस सम्बप में और भी बहुत-सी बातें हैं जिहें मैं आपरे सामने मुह से नहीं निकाल सकता भयोकि आप बर्ग है और बार्ने छोटी है।" लाज. (ताज्जुर साप) क्या तुम ये सब बातें सच कह रहे हा पारग. मेरी बातों मे रत्ती बराबर भी झूठ नहीं है । मैं छाती ठोर ने दावे के साप कह सकता है कि यदि आप सच की पूरी-पूरी मद देंगे तो मैं पोडे ही दिनों में ये गव बातें सिद्ध पररे दिसा दूगा। लास. इस बार में क्या सच पडेगा? पारस० दस हजार रुपये। अगर जीती-जागती सरसामा भी पना लग गया और उसे मैं छुडा कर अपने घर ला सका तो पच्चीस हजार पर से कम सच नहीं पड़ेगा। साल० (अपनी छाती पर हाथ रख ३) मुझ मजूर है। पारस० तो मैं भी फिर अपनी जान हथेली पर रख कर उद्याग नग्न के लिए तैयार हूँ। लाल. अन्या अप उन लोगा को बुता लना चाहिए जो दूसरे कमर म चले गये हैं। पारस० जो मामा मगर ये बातें सिवायमेरे और आपर किसी तीसर को मालूम न हो। रात दो घण्टे से ज्यादे नही रह गई है। दरमगा बाजारा की रौनक अभी मौजूद है मगर घटती जाती है, हा उस बाजार की रौनव कुछ दूसरे ही ढग पर पलटा खा रही है जो रडिया की आबादी से विशप सम्बध रखती है, अर्यात् उनके निचले खण्ड की रोनर से ऊपर वाले खण्ड की रोनक ज्यान होती जा रही है । इस उपयास के इस बयान मे हमका इसी बाजार स कुछ मतलब है क्योंकि उस बादी रहोना मकान भी इसी वाजार मे है जिसका जिक्र इस किस्से के पहले और दूसरे बयान म मा चुका है। बादी का मरान तीन मरातब का है और उसमे जाने के लिए दो रास्ते हैं, एक तो बाजार की तरफ से और दूसरा पिछवाडे वाली अधेरी गली मे से ।