पृष्ठ:कामना.djvu/१०९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
कामना
 

(दो सैनिक एक स्त्री को बाँधकर लाते है)

कामना-यह कौन है?

सैनिक-युद्ध मे यह बंदी बनाई गई है।

कामना-इसका अपराध?

सैनिक-सेनापति के आने पर वह स्वयं निवेदन करेंगे। हम लोगो को आज्ञा हो, तो जायँ, युद्ध समाप्त होने के समीप है।

कामना-जाओ।

(दोनों जाते हैं)

स्त्री-तुम रानी हो?

कामना-हाँ।

स्त्री-रानी बनने की साध क्यों हुई? क्या आँखें इतनी रक्त-धारा देखने की प्यासी थी? क्या इतनी भीषणता के साथ तुम्हारा ही जयघोष किया जाता है?

कामना-मेरे दुर्भाग्य से।

स्त्री-और तुम चुपचाप देखती हो।

कामना-तुम बंदी हो, चुप रहो।

(रक्तात कलेवर विजयी विलास का प्रवेश)

विलास-जय, रानी की जय।

१०४