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पृष्ठ:कामना.djvu/१३४

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अंक ३, दृश्य ८
 


मैं और मेरे साथी, सब वही करेंगे।

विवेक-स्मरण रखना।

(दोनो सिर झुकाकर जाते हैं)



आठवाँ दृश्य

स्थान-सैनिक न्यायालय

(रानी और सैनिक लोग बैठे हैं। एक ओर से विलास, दूसरी ओर से लालसा का प्रवेश)

विलास-रानी, यह बंदी स्त्री बड़ी भयानक है। हमारी सेना के समाचार लेने आई थी। इसको दंड देना चाहिये।

लालसा-और एक व्यक्ति मेरे मंडप में भी है। वह भी कुछ ऐसा ही जान पड़ता है। दोनो का साथ ही विचार हो।

(रानी के संकेत करने पर चार सैनिक जाते और दोनों को ले आते हैं। शत्रु सैनिक और स्त्री, दोनों एक दूसरे को देखते और चीत्कार करते हैं)

विलास-यह स्त्री प्राणदंड के योग्य है। इसने सेना का सब भेद जान लिया था। यदि यह पकड़ न

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