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अंक १, दृश्य ३
कामना-(प्रसन्नता और घबराहट से ) तो क्या मेरे लिए यहाँ भी वह सम्भव है ?
विलास -उद्योग करने से होगा।
कामना-चलो, उस शिलाखंड पर अच्छी छाया है, वही बैठे।
( हाथ पकड़कर उठाती है। दोनो वहीं जाकर बैठते हैं )
विलास-कामना, तुम लोगो की कोई कहानी है ?
कामना-है क्यो नहीं।
विलास-कुछ सुनाओ । इस द्वीप की कथा मै सुनना चाहता हूँ।
कामना-( आकाश की ओर दिखाकर) हम लोग बड़ी दूर से आये है। जब विलोड़ित जलराशि स्थिर होने पर यह द्वीप ऊपर आया, उसी समय हम लोग शीतल तारकाओ की किरणो की डोरी के सहारे नीचे उतारे गये । इस द्वीप मे अब तक तारा की ही संतानें बसती है।
विलास-क्यो यह जाति उतारी गई ?
कामना-वहाँ चुपचाप बैठने से यह संतुष्ट नहीं
थी। पिता ने खेल के लिए यहाँ भेज दिया। इन
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