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पृष्ठ:कामना.djvu/४६

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अंक १, दृश्य ६

समय हमारे घर पर पूर्ण अधिकार है, परंतु स्वत्व हमारा ही है; क्योकि जब आप लोग यहाँ से चले जायेंगे, तब तो हमी न इसका उपभोग करेंगे।

लीला-कैसी सुंदर बात है, कैसा ऊँचा विचार है।

(सब आश्चर्य से एक दूसरे का मुंह देखते है)

विलास-आप लोग कुछ थके होगे, इसलिए थोड़ी-थोड़ी पेया पी लीजिये, तब खेल होगा। कामना और लीला पिलावेगी । देखिये, आप लोगो को आज एक नया खेल खिलाया जायगा। जो मै कहूँ, वही करते चलिये।

युवक-ऐसा ?

विलास-हॉ, आप लोग गाते हुए घूमते और नाचते भी तो हैं ?

युवक और युवती—क्यो नहीं; परंतु उसका समय दूसरा होता है।

विलास-आज हम जैसा कहे, वैसा करना होगा।

कामना-अच्छी बात है। नया खेल देखा जायगा।

(कामना और लीला मदिरा ले आती हैं। विलास

सबको पंक्ति से बैठाता और कामना को संकेत करता है।

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