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पृष्ठ:कामना.djvu/४७

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कामना
 

दोनों नाचती हुई सबको मद्य पिलाती है।सच प्रसन्न होते है)

एक-(नशे मे) अब खेल होना चाहिये ।

सब-(मद-विह्वल होकर ) हॉ-हॉ, होना चाहिये।

विलास-अच्छा-(एक से पूछता है ) क्यों, तुमको कौन स्त्री अच्छी लगती है ? देखो, उसके मुख पर कैसा प्रकाश है।

(एक दूसरे की स्त्री को दिखाता है)

वह युवक-हॉ, इसमें तो कुछ विचित्र विशे- पता है।

विलास-अच्छा, तो इनमे से सब लोग इसी प्रकार एक-एक स्त्री को चुन लो ।

(नशे मे एक दूसरे की स्त्री को अच्छी समझते हुए उनका हाथ पकडते है। विलास सबको मंडलाकार खडा करता है)

कामना-अब क्या होगा?

विलास-इस खेल मे एक व्यक्ति बीच मे रहेगा, जो सबकी देख-रेख करेगा।

कामना-तुम्हीं रहो।

विलास-नही, मुझको तो आन अभी बताना

पड़ेगा।

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