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अंक १, दृश्य ६
सब—तब हमलोग तो खेलेगे, देखें कोई दूसरा-
विलास-अच्छा कामना, आन तुम्ही देखो। और, तुम तो इन लोगों में मुख्य हो भी।
सब-ठीक कहा।
वलास-अच्छा,तो कामना ? इस खेल की तुम रानी बनोगी। जब तुम कहोगी तभी यह खेल बंद होगा-समझी ?
सब-अच्छी बात है।
(विलास चंद्रहार और कंकण लाकर कामना को पहनाता है । सब आश्चर्य से देखते हैं)
विनोद और लीला-कामना रानी है।
विलास-सचमुच रानी है।
(कामना के संकेत करने पर नृत्य आरम्भ होता है, और विलास गाता है । सब उसका अनुकरण करते हैं)
पी ले प्रेम का प्याला ।
भर ले जीवन-पात्र में यह अमृतमय हाला।
सृष्टि विकासित हो आँखों में, मन हो मतवाला।
मधुप पी रहे मधुर मधु, फूलो का सानंद ;
तारा-मद्यप-मंडली चषक भरा यह चंद ।
सजा आपानक निराला । पी ले०।
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