पृष्ठ:कामना.djvu/४९

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कामना
 

(सब उन्मत्त होकर नाचते-नाचते मद्यप की चेष्टा करते है । विवेक का प्रवेश । आश्चर्य चकित होकर देखता है )

क्लिास-कौन?

विवेक-यह नरक है या स्वर्ग ?

विलास-बुड्डे इसे स्वर्ग कहते हैं। तुम कैसे जान गये?

विवेक-तो इसी स्वर्ग में नरक की सृष्टि होगी। भागो-मागो।

विलास-पागल है।

सब-(उन्मत्त होकर विवेक क्षोभ से भागता है)

[यवनिका-पतन]

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