पृष्ठ:कामना.djvu/७५

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कामना

विलास-न्याय में हस्तक्षेप करनेवाले इस वृद्ध को निकाल दो। पागलपन की भी एक सीमा होती है।

(वह निकाला जाता है)

कामना-अच्छा, इन्हे वंदीगृह में ले जाओ। अंतिम दंड इनको फिर दिया जायगा ।

(बन्दियों को सैनिक ले जाते हैं । विलास और कामना बाते करते हैं)

कामना-सेनापति, उपस्थित सभी पुरुषों को आज का स्मरण-चिह्न लाकर दो।

(विनोद सबको स्वर्ण मुद्रा देता है)

कामना-प्यारे द्वीप-वासियो, मेरी एकांत इच्छा है कि हमारे द्वीप-भर के लोग स्वर्ण के आभूषणों से लद जायँ । उनकी प्रसन्नता के लिए मै प्रचुर साधन एकत्र करूँगी। परंतु उस काम में क्या आप लोग मेरा साथ देंगे?

सब-यदि सोना मिले, तो हम लोग सब कुछ करने के लिए प्रस्तुत हैं।

विलास-सब मिलेगा, आप लोग रानी की आज्ञा मानते रहिये।

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