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कायाकल्प]
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संयम कब तक? इस जीवन का भरोसा ही क्या? न जाने कब इसका अन्त हो जाय और ये चिरसंचित अभिलाषाएँ भी धूल में मिल जायँ। अब जो होना है, सो हो!

अनन्त शान्ति का साम्राज्य था, यान प्रतिक्षण और ऊपर चढ़ता जाता था। महेन्द्र ने देवप्रिया का कोमल हाथ पकड़कर कहा—प्रिये, अनन्त वियोग से तो अनन्त विश्राम ही अच्छा!

वीणा देवप्रिया के हाथ से छूटकर गिर पड़ी। उसने देखा, महेन्द्र के कामप्रदीप्त अधर उसके मुख के पास आ गये हैं और उनके दोनों हाथ उससे आलिंगित होने के लिए खुले हुए हैं। देवप्रिया एक क्षण, केवल एक क्षण के लिए सब कुछ भूल गयी। उसके दोनों हाथ महेन्द्र के गले में जा पड़े।

एकाएक धमाके की आवाज हुई। देवप्रिया चौंक पड़ी। उसे मालूम हुआ, यान बड़े वेग से नीचे चला जा रहा है। उसने अपने को महेन्द्र के कर पाश से मुक्त कर लिया और घबराकर बोली—प्राणनाथ, यान नीचे चला जा रहा है।

महेन्द्र ने कुछ उत्तर न दिया।

देवप्रिया ने फिर कहा—ईश्वर के लिए इसे रोकिए, देखिए, कितने वेग ने नीचे गिर रहा है।

महेन्द्र ने व्यथित कण्ठ से कहा—प्रिये! अब इसे मैं नहीं रोक सकता, मेरे पैर काँप रहे हैं, मालूम होता है, जीवन का अन्त हो रहा है। आह! आह। प्रिय मैं गिर रहा हूँ।

देवप्रिया उन्हें सँभालने चली थी कि महेन्द्र गिर पड़े। उनके मुँह से केवल ये शब्द निकले—डरो मत, यान भूमि से टक्कर न खायगा, तुम हर्षपुर जाकर राज्याधिकार अपने हाथ में लेना। मैं फिर आऊँगा, हम और तुम फिर मिलेंगे, अवश्य मिलेंगे, अतृप्त तृष्णा फिर मुझे तुम्हारे पास लायेगी, विधि का निर्दय हाथ भी उसमें बाधक नहीं हो सकता। इस प्रेम की स्मृति देवलोक में भी मुझे विकल करती रहेगी। आह! इस अनन्त विश्राम की अपेक्षा अनन्त वियोग कितना सुखकर था!

देवप्रिया खड़ी रो रही थी और यान वेग से नीचे उतरता जाता था!


३४

चक्रधर को रात भर नींद न आयी। उन्हें बार-बार पश्चात्ताप था कि आवेग में क्यों आ गया। जीवन में यह पहला ही अवसर था कि उन्होंने एक निर्बल प्राणी पर हाथ उठाया था। जिसका समस्त जीवन दीनजनों की सहायता में गुजरा हो, उसमें यह कायापलट नैतिक पतन से कम न था। आह! मुझ पर भी प्रभुता का जादू चल गया। उससे अलग रहने पर भी मैं उसके जाल में फँस गया। कितना चतुर शिकारी है! अब मुझे अनुभव हो गया कि इस वातावरण में रहकर मेरे लिए अपनी कर्म वृत्तियों को स्थिर रखना असाध्य है। धन में धर्म, दया है, उदारता है; लेकिन इसके साथ ही गर्व भी है, जो इन गुणों को मटियामेट कर देता है।