घटनाओं का चिंतन करती हो। इन सज्जनों ने , अर्थात् बावेर बंधुओं ने सर्वहारा को घमंड से एक आलोचना-शून्य समूह माना। मार्क्स और एंगेल्स ने बड़े जोश के साथ इस बेहूदी और हानिकारक प्रवृत्ति का विरोध किया। एक वास्तविक मानवीय व्यक्तित्व - अर्थात् शासक वर्गों और राज्य द्वारा पददलित मज़दूर- के नाम पर उन्होंने चिंतन की नहीं, बल्कि अधिक अच्छी समाज-व्यवस्था के लिए संघर्ष की मांग की। अवश्य ही उन्होंने सर्वहारा को यह संघर्ष खड़ा करने योग्य और उसमें दिलचस्पी रखनेवाली शक्ति माना। 'पवित्र परिवार' के प्रकाशित होने से पहले ही एंगेल्स ने मार्क्स और रूगे के 'जर्मन-फ्रांसीसी पत्रिका' में 'राजनीतिक अर्थशास्त्र विषयक आलोचनात्मक निबंध'²⁹ प्रकाशित किये थे जिनमें उन्होंने समाजवादी दृष्टिकोण से समकालीन अर्थ-व्यवस्था के प्रधान व्यापारों का परीक्षण किया था और यह निष्कर्ष निकाला था कि वे निजी संपत्ति के प्रभुत्व के आवश्यक परिणाम थे। मार्क्स ने राजनीतिक अर्थशास्त्र का अध्ययन करने का निश्चय किया इसमें निःसंशय एंगेल्स के साथ उनके वैचारिक संपर्क का हाथ था। इस विज्ञान के क्षेत्र में मार्क्स की रचनाओं ने वस्तुतः क्रांति कर दी।
१८४५ से १८४७ तक एंगेल्स ब्रसेल्स और पेरिस में रहे और अपनी वैज्ञानिक साधना को ब्रसेल्स और पेरिस के जर्मन मजदूरों के बीच की व्यावहारिक गतिविधियों का साथ दिया। यहां मार्क्स और एंगेल्स ने गुप्त जर्मन 'कम्युनिस्ट लीग' के साथ संपर्क स्थापित किया और लीग ने उन्हें उनके द्वारा रचित समाजवाद के मुख्य सिद्धांतों की व्याख्या करने का कार्य सौंप दिया। इस प्रकार मार्क्स और एंगेल्स विरचित सुप्रसिद्ध 'कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणापत्र' प्रकट हुआ। यह १८४८ में प्रकाशित हुआ। यह छोटी- सी पुस्तिका अनेकानेक ग्रंथों का मूल्य रखती है : आज भी उसकी आत्मा समूचे सभ्य संसार के संगठित और संघर्षरत सर्वहारा को स्फूर्ति और प्रेरणा प्रदान करती है।
१८४८ की क्रान्ति ने, जो पहले फ्रांस में उत्पन्न हुई और फिर पश्चिमी यूरोप के अन्य देशों में फैल गयी, मार्क्स और एंगेल्स को फिर से उनकी मातृभूमि के दर्शन कराये। यहां, राइनी प्रशा में उन्होंने कोलोन
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