पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/१४६

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मुद्रा, या मालों का परिचलन १४३ ग) सिक्का और मूल्य के प्रतीक यह बात कि मुद्रा सिक्के का रूप धारण करती है,-यह उसके चालू माध्यम के काम से उत्पन्न होती है। बाम-या मालों के मुद्रा-नाम-के रूप में हम कल्पना में सोने के जिन बजनों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनको परिचलन की क्रिया में एक निश्चित अभियान के सिक्कों . सब का एक साथ किसी देश में पाये जाने वाले कुल सोने और चांदी के साथ कैसे विनिमय किया जा सकता है। यदि हम इस विचार से प्रारम्भ करें कि सब मालों को मिलाकर एक माल बन जाता है, जिसका हरेक माल एक अशेष भाजक होता है, तो हमारे सामने यह सुन्दर निष्कर्ष निकल पाता है कि कुल माल = 'प' हण्ड्रेडवेट सोना, माल 'क' -कुल माल का एक अशेष भाजक = 'प' हण्ड्रेडवेट सोने का उतना ही अशेष भाजक । मोंतेस्क्यू ने पूरी

      • AT HT et ta onet & : "Si l'on compare la masse des l'or et de l'ar-

gent qui est dans le monde avec la somme des marchandises qui y sont, il est certain que chaque denrée ou marchandise, en particulier, pourra être comparén à une certaine portion de la masse entière. Supposons qu'il n'y ait qu'une seule denrée, où marchandise dans le monde, ou qu'il n'y ait qu'une seule qui s'achè- te, et qu'elle se divise comme l'argent: Cette partie de cette marchandise répon- dra à une partie de la masse de l'argent; la moitié du total de l'une à la moitié du total de l'autre, &c... l'établissement du prix des choses dépend toujours fondamentalement de la raison du total des choses au total des signes.” [“ af दुनिया में पाये जाने वाले सोने और चांदी की कुल मात्रा का दुनिया में पायी जाने वाली वाणिज्य- वस्तुओं की कुल मात्रा से मुकाबला करें, तो यह निश्चय है कि वाणिज्य-वस्तुओं में से प्रत्येक वस्तु विशेष अथवा माल विशेष का सोने-चांदी के एक निश्चित भाग से मुक़ाबला किया जा सकता है। मान लीजिये कि दुनिया में केवल एक वाणिज्य-वस्तु अथवा केवल एक माल है, या केवल एक माल ही बिक्री के लिए पेश किया जा सकता है, और मुद्रा की तरह उसे टुकड़ों में बांटा जा सकता है। तब वाणिज्य-वस्तुओं का एक भाग मुद्रा की मात्रा के एक भाग के अनुरूप होगा : कुल वाणिज्य-वस्तुओं का प्राधा भाग कुल मुद्रा के माधे भाग के अनुरूप होगा, और इसी तरह अन्य भागों के बारे में भी होगा... चीजों के दामों को निश्चित करना बुनियादी तौर पर सदा इस बात पर निर्भर करता है कि कुल चीजों और कुल प्रतीकों के बीच क्या अनुपात है।"] (Montesquieu, उप० पु., अंथ ३, पृ. १२, १३ ।) जहां तक रिकाडों और उनके शिष्यों जेम्स मिल , लाई भोवरस्टोन आदि के द्वारा इस सिद्धान्त के विकास का सम्बंध है, तो "Zur Kritik der Politischen Oekonomie" ('अर्थशास्त्र की समीक्षा का एक प्रयास') के पृ० १४०-१४६ और पृ० १५० तथा उसके मागे के पृष्ठ देखिये। जान स्टुअर्ट मिल अपनी समाहारी (eclectic) तर्क-शैली के बल पर अपने पिता जेम्स मिल के मत और उसके विरोधी मत , दोनों को एक साथ अंगीकार करने का गुर जानते हैं। जब हम उनकी पाठ्य-पुस्तक “Principles of Political Economy" ('अर्थशास्त्र के सिद्धान्त') का उसके पहले संस्करण के लिए लिखी गयी उनकी भूमिका से मुकाबला करते हैं, जिसमें उन्होंने ऐलान किया है कि वह अपने जमाने के ऐडम स्मिथ हैं, तो हमारी समझ में नहीं पाता कि -