पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/२३९

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पूंजीवादी उत्पादन होगी, उसे उतने ही अधिक निश्चित रूप से इस बड़े हुए भाव पर बेचा जा सकेगा। इसीलिए बब कभी मूल्य के ऐसे परिवर्तन होते हैं, तब सद्वेवास सदा उस वस्तु का सट्टा खेलना पसन्द करते हैं, जिसपर कम मात्रा में मम सर्च किया गया है। मिसाल के लिए, तब कपड़े के बजाय सूत का और सूत के बवाय कपास का सट्टा खेलना ज्यादा बेहतर समझते हैं। जिस उदाहरण पर हम विचार कर रहे हैं, उसमें मूल्य का परिवर्तन उस प्रक्रिया के फलस्वरूप नहीं होता, जिसमें कपास उत्पादन के सापन की भूमिका प्रवा करती है और इसलिए जिसमें वह स्थिर पूंजी का काम करती है, बल्कि यह परिवर्तन उस प्रक्रिया के फलस्वरूप होता है, जिसमें जब कपास पैदा की जाती है। यह सच है कि किसी भी माल का मूल्य उसमें निहित मम की मात्रा से निर्धारित होता है, लेकिन यह मात्रा र सामाजिक परिस्थितियों से सीमित होती है। यदि किसी माल के उत्पादन के लिए सामाजिक दृष्टि से मावश्यक समय बदल जाता है, और कपास का कोई निश्चित बबन प्रच्छी फसल के बाद जितने मन का प्रतिनिधित्व करता था, पुरी फसल के बार वह उससे अधिक श्रम का प्रतिनिधित्व करने लगता है, तो इसका असर उस श्रेणी के पहले से मौजूद सभी मालों पर पड़ता है, क्योंकि मानो अपनी प्रजाति के सदस्य मात्र ही तो होते हैं। और किसी भी बात समय पर उनका मूल्य सामाजिक दृष्टि से पावश्यक श्रम से मापा जाता है, अर्थात् किसी भी खास समय पर उनका मूल्य इस बात पर निर्भर करता है कि उस समय पायी जाने वाली सामाजिक परिस्थितियों में उनके उत्पादन के लिए कितना मम मावश्यक होता है। जिस तरह कच्चे माल का मूल्य बदल सकता है, उसी तरह मम के प्राचारों का, उत्पादन प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाली मशीनों पारि का मूल्य भी बदल सकता है, और, उसके फलस्वम्म, पैदावार के मूल्य का बो भाग भम के मौतारों से पैदावार में स्थानांतरित होता है, उसमें भी परिवर्तन सम्भव है। यदि किसी नये प्राविकार के फलस्वरूप एक खास तरह की मशीन पहले से कम मम द्वारा तैयार की जा सकती है, तो पुरानी मशीन का न्यूनाधिक मूल्य-हास हो जाता है, और चुनाव यह पैसवार में उतना ही कम मूल्य स्थानांतरित करने लगती है। परन्तु यहाँ फिर मूल्य का परिवर्तन सत प्रकिया के बाहर होता है, जिसमें यह मशीन उत्पादन के साधन का काम करती है। एक बार इस प्रक्यिा में लग जाने के बाद कोई मशीन उससे अधिक मूल्य स्थानांतरित नहीं कर सकती, जितना मूल्य उसमें इस प्रक्रिया से स्वतन्त्र रूप में होता है। वित प्रकार उत्पादन के साधनों के मन-प्रमिया में भागी बन जाने के बाद उनके मूल्य में कोई परिवर्तन होने से उनके स्थिर पूंजी के स्वरूप में कोई अन्तर नहीं पाता, उसी तरह सिर पूंजी के सम्बन्ध में अस्थिर पूंजी के अनुपात-परिवर्तन से पूंजी के इन दो प्रकारों के अलग- अलग कार्यों पर भी उसका कोई असर नहीं पड़ता। बम-पणिया की प्राविधिक परिस्थितियों में इतनी बड़ी कान्ति हो सकती है कि वहां पहले बस पावनी कम मूल्य के बस पौधारों को - . 1 «Toutes les productions d'un même genre ne forment proprement qu'une masse, dont le prix se détermine en général et sans égard aux circonstances particulteres."..["एक ही प्रकार की सब उत्पादित वस्तुएं सच पूछिये, तो एक समूह के समान होती है, जिसका दाम कुछ सामान्य बातों से निर्धारित होता है और विशिष्ट परिस्थितियों का पिसके दाम पर कोई असर नहीं पड़ता।"] (Le Trosne, उप० पु०, १०८९३)