पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/२७१

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२६८ पूंजीवादी उत्पादन - काम के दिन का साधारण पर्व नहीं लगाया जाता, बल्कि एक पोसत दैनिक पैदावार के उत्पावन के लिये जितना समय मावश्यक होता है, वह काम का एक दिन माना जाता है। और यह प्रोसत दैनिक पैदावार इतनी चालाकी के साथ निर्धारित की जाती है कि कोई देव भी उसे २४ घण्टे में न पैदा कर पाये। स्वयं इस नियमावली में सच्चे म्सी व्यंग्य का प्रदर्शन करते हुए बड़े नपे-तुले शब्दों में यह बता दिया गया है कि काम के १२ दिनों का मतलब ३६ दिन के हाप के श्रम की पैदावार होता है, १ दिन के खेत के मम का प्रबं. ३ दिन का मन होता है और इसी प्रकार १ दिन के लकड़ी होने के श्रम का अर्थ तीन दिन का भ्रम होता है। दूसरे शब्दों में, कुल मिलाकर ४२ दिन की हरी करनी पड़ती है। इसमें तवाकषित "Jobagie' और बोड़नी पड़ेगी,-प्रसाधारण अवसरों पर सामन्त की वो चाकरी बजानी पड़ती है, यह उसका नाम है। प्रत्येक गांव को हर वर्ष अपनी जन-संख्या के अनुपात में एक निश्चित तादाद में लोगों को इस प्रकार की सेवा के लिये देना पड़ता है। अनुमान किया जाता है कि बैलेशिया के हरेक किसान के मत्ये इस प्रतिरिक्त हरी के १४ दिन पड़ते हैं। इस प्रकार, नियम के अनुसार प्रत्येक किसान को वर्ष में ५६ दिन हरी की नबर करने पड़ते हैं। लेकिन बैलेशिया में मौसम बहुत खराब होने के कारण, जहाँ तक खेती का सम्बंध है, वर्ष केवल २१० दिन का होता है, जिनमें से ४० बिन इतवार के या उत्सवों के होते हैं और प्रोसतन ३० बिन पुरे मौसम के कारण खाया हो गाते हैं। यानी इस तरह २१० में ७० दिन गिने नहीं जाते। बचते हैं १४० दिन । इसलिये पावश्यक भन के साथ हरी का अनुपात होता है या ६६ प्रतिशत। अतिरिक्त मूल्य की यह पर उस बर से कहीं नीची है, वो इंगलैस के खेतिहर मजबूर या फेक्टरी-मजदूर के श्रम का नियमन करती है। किन्तु यह तो केवल कानूनी हरी हुई। "Reglement organique ने इंगलैण के पटरी-कानूनों से भी अधिक "उदार" भावना के साथ खुब अपने से बचने के सुगम साधन प्रस्तुत कर रखे हैं। १२ दिन के ५६ दिन बनाने के बाद वह हरी के ५६ दिन में से प्रत्येक दिन के काम की इस तरह व्यवस्था करता है कि वह उसी दिन समाप्त न हो और उसका एक हिस्सा अगले रोख तक चले। मिसाल के लिए, एक दिन में एक निश्चित क्षेत्रफल की भूमि की निराई करनी पड़ती है। इस काम को पूरा करने के लिए, खास कर मक्का के खेतों में, इसका दुगुना समय चाहिये। खेती में कुछ तरह के श्रम के लिए कानूनी दिन का इस तरह अर्ब लगाया जाता है कि दिन मई में शुरू होकर अक्तूबर में खतम होता है।मोल्वाविया में इससे भी अधिक कठिन स्थिति है। एक सामन्त ने विजयोन्मत होकर कहाषा: "Reglement organique* केहरी के १२ दिन साल में ३६५ दिन के बराबर होते हैं।' यदि रेयूब प्रदेश के प्रान्तों का "Reglement organique' अतिरिक्त मम के लोभ की सकारात्मक अभिव्यंजना थी, जिसको उसके प्रत्येक पैरे ने कानूनी मान्यता प्रदान की, तो इंगलैग के Factory Acts (पटरी-कानूनों) को उसी लोभ की नकारात्मक अभिव्यंजना समझना चाहिये। ये कानून पूंजीपतियों तथा सीवारों द्वारा शासित राज्य के बनाये हुए कुछ राजकीय नियमों के जरिये काम के दिन की लम्बाई पर बर्दस्ती सीमा लगाकर - 1 इसका पौर विस्तृत वर्णन देखिये E. Regnault के "Histotre politique Sociale des Principautes Darublennes", Paris, 1855, में (पृ. ३०४ और उससे भागे के पृष्ठों पर)।