पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/३२३

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३२० पूंजीवादी उत्पादन . । पहले से दुगुनी बड़ी ग्बल रोटी खाने को मिला करेगी, बल्कि इस बडे का बिल भी संसद में पास करा दिया जायेगा। इसलिये, पब केवल १८३३ के कानून को अमली रूप देने के लिये एक कानून बनाने का सुझाव सामने पाया, तो कारखानेदारों को उसका विरोध करने की और भीकम हिम्मत हुई। अनुसारवल के लोगों के सबसे पवित्र अधिकार पर, यानी जमीन का लगान वसूल करने के अधिकार पर, चोट हो रहीपी। अपने शनुमों की इन "मीचहरकतों को देखकर उनके हत्य परोपकारी कोष से भर गये और उन्होंने खूब शोर मचाया। ७धून १४ का अतिरिक्त फेक्टरी-कानून इस तरह बना था। वह १० सितम्बर १०४ को लागू हमा। उससे मजदूरों के एक नये हिस्से को, पानी १८ वर्ष से अधिक उन्न की पौरतों को, संरक्षण प्राप्त हमा। उनको हर बात में लड़के-लड़कियों के स्तर पर रख दिया गया। उनके काम के समय पर बारह घण्टे की सीमा लगा दी गयी, उनसे रात को काम लेने की मनाही कर दी गयी, इत्यादि । पहली बार कानून को वयस्कों के मन पर प्रत्यक एवं सरकारी म से नियंत्रण लगाने के लिये बाध्य होना पड़ा। १८४४५ की फ्रक्टरी-रिपोर्ट में व्यंग के साथ कहा गया है कि "वयस्क स्त्रियों के अधिकारों में इस प्रकार वो हस्तक्षेप किया गया है, उसपर उन्होंने कभी लेद प्रकट किया हो, ऐसा कोई उदाहरण मुझे अभी तक देखने को नहीं मिला है।' १३ वर्ष से कम उम्र के बच्चों के काम का समय घटाकर ६ घण्टे और कुछ खास परिस्थितियों में ७ घण्टे रोब कर दिया गया। "पालियों की इस बोटी प्रणाली" के दोषों को दूर करने के लिए इस कानून में अन्य नियमों के अलावा यह नियम भी रखा गया था कि "बच्चों और लड़के-लड़कियों के काम के घडे उस समय से गिने पायेंगे, जब कोई भी बच्चा पालड़की-लड़का सुबह को काम शुरू कर देगा।" चुनाव, मगर'क' नामक लड़का, मिसाल के लिये, सुबह को ८ बजे काम शुरू कर देता है और १० बजे शुरू करता है, तो भी का काम का दिन उसी समय समाप्त होगा, जिस समय कि 'क' का। इसके अलावा यह भी नियम बना दिया गया था कि "समय का हिसाब किसी सार्वजनिक घड़ी के अनुसार रखा जायेगा।" मिसाल के लिये, पटरी के पास में वो रेलवे की घड़ी हो, फ्रक्टरी की घड़ी उससे मिलायी जायेगी। पिटरी का स्वामी एक ऐसा मा हुमा नोटिस, "जो कि पड़ा पा सके", भटकायेगा, जिसमें बताया गया होगा कि काम कितने बजे शुल्होता है और कितने बजे खतम होता है और भोजन, नास्ते पावि का या समय है। वो बच्चे १२ बजे दोपहर के पहले काम शुरू कर देते ३१ बजे के बाद दोबारा उनसे काम . . . 1 "Rept. of Insp. of Fact., 31st October, 1848" ('$refcat om met * रिपोर्ट, ३१ अक्तूबर १८४८'), पृ०६८। मोना होनर ने अपनी सरकारी रिपोर्टों में ठीक इन्हीं शब्दों का प्रयोग किया है। (“Reports of Insp. of Fact., 31st October, 1859" ['$efcuti Tett mit feate, ३१ अक्तूबर १६५९'], पृ. ७) "Rept., &c., 30th Sept., 1844" ('फेक्टरियों के इंस्पेकटरों की रिपोर्ट, सितम्बर १४'), पृ० १५। 'यदि बच्चे रोग काम नहीं करते, बल्कि एक दिन छोड़कर काम करते है, तो यह कानून उनसे १० पष्टे तक काम मेने की इजाजत देता है। इस धारा पर प्रायः अमन नहीं हमा।