काम का दिन इस वक्त तक पहले फेक्टरी-कानून को पास हुए भाषी शताब्दी बीत चुकी थी।' पटरियों के सम्बंध में बनाये गये कानून पहली बार “Printworks Act of 1845 ('१५४५ के कपड़े की छपाई करने वाले कारखानों के कानून') की शकल में अपने मूल- क्षेत्र से भागे बढ़े। पूंजी इस नयी "स्यावती" से कितनी नाराब पी, यह इस कानून की एक-एक पंक्ति से जाहिर होता है। वर्ष से १३ वर्ष तक के बच्चों और स्त्रियों के काम के दिन पर उसने १६ घन्टे की सीमा लगायी है। उसके अनुसार, इन बच्चों तथा स्त्रियों को सुबह ६ बजे से रात के १० बजे तक काम करना पड़ता है, और साने, नाश्ते प्रादि के लिये भी उनको कोई ही बेना कानूनन बरूरी नहीं है। १३ वर्ष से ऊपर के पुरुषों से यही कानून दिन-रात इच्छानुसार काम लेने की इजाजत देता है। असल में, यह एक संसदीय गर्भ-पात है।' परन्तु उद्योग की उन विशाल शाखामों में, जो उत्पादन की माधुनिक प्रणाली की विशिष्ट पैदावार है, मान्यता प्राप्त करके सिद्धान्त ने विजय प्राप्त की। १८५३ से १८६० तक फ़ैक्टरी-मजदूरों के शारीरिक एवं नैतिक पुनरुत्थान के साथ-साथ इन शाखामों का जैसा चमत्कारपूर्ण विकास हुमा, उसे एक अत्यन्त क्षीण-वृष्टि व्यक्ति भी देख सकता था। काम के दिन पर सीमा लगाने और उसका नियमन करने के कानून मिल-मालिकों से प्राधी शताब्दी तक गृह-मुड चलाकर कदम-कदम मनवाये गये थे, पर अब वे खुद भी बड़ी गैंग मारते हुए इस बात का जिक्र किया करते थे कि शोषण की जो शाखाएं अभी तक "स्वतंत्र" है, उनके द्वारा हम अत्यन्त भादरपूर्वक आपको यह सूचना देना चाहते हैं कि बड़े दिन तथा नये साल की छुट्टियों के बाद जब हम फिर से काम प्रारम्भ करेंगे, तो हम ६० घण्टे प्रति सप्ताह काम करेंगे, उससे ज्यादा नहीं, या यूं कहिये कि हम छ: बजे से छः बजे तक काम करेंगे और बीच में डेढ़ घण्टे की छुट्टी लेंगे।" ("Reports, &c., for 30th April, 1860" | रिपोर्ट, इत्यादि, ३० अप्रैल १८६० '], पृ. ३०।) 1 इस कानून की शब्दावली से उसका उल्लंघन करने की कितनी सुविधा हो गयी थी, यह जानने के लिये देखिये संसद का प्रकाशन "Factories Regulation Acts" ('फैक्टरियों के नियमन के कानून') (६ अगस्त १८५९) और उसमें देखिये Leonard Horner (लेमोनार्ड होर्नर) का लेख "Suggestions for amending the Factory Acts to enable the inspectors to prevent illegal working, now becoming very prevalent" ('इंस्पेक्टरों को प्राजकल अत्यन्त प्रचलित होते जाने वाले गैर-कानूनी काम को रोकने के योग्य बनाने के उद्देश्य से फैक्टरी-कानूनों में संशोधन करने के विषय में कुछ सुझाव')। " ८ वर्ष और उससे अधिक उम्र के बच्चों से मेरे डिस्ट्रिक्ट में पिछले छः महीने से (१८५७) सचमुच सुबह ६ बजे से रात के ९ बजे तक काम लिया जा रहा है।" ("Re- ports, &c., for 31st October, 1857" ["रिपोर्ट, इत्यादि, ३१ अक्तूबर १८५७ '], पृ. ३९१) . "Printworks' Act (कपड़े की छपाई करने वाले कारखानों का कानून) अपनी शिक्षा- सम्बन्धी तथा श्रम की रक्षा करने वाली, दोनों प्रकार की धारामों की दृष्टि से असफल रहा 1,-यह बात अब सभी मानते हैं।" ("Reports, &c.. for 31st October, 1862" ["रिपोर्ट, इत्यादि, ३१ अक्तूबर १८६२'] पृ. ५२।) .
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