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पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/३८३

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पूंजीवादी उत्पादन . से पूंजीवादी सहकारिता सहकारिता के एक विशिष्ट ऐतिहासिक रूप की तरह प्रकट नहीं होती, बल्कि यह लगता है, जैसे खुब सहकारिता ही एक ऐसा ऐतिहासिक प हो, यो उत्पादन की पूंजीवादी उत्पादन प्रक्रिया की एक खास विशेषता है और वो इस प्रणाली को और सब प्रणालियों से भिन्न बना देता है। जिस प्रकार सहकारिता से विकसित हो जाने वाली श्रम की सामाजिक उत्पादक शक्ति पूंजी की उत्पादक शक्ति प्रतीत होती है, क उसी प्रकार अलग-अलग स्वतंत्र मजदूरों या यहाँ तक कि छोटे-छोटे मालिकों द्वारा चलायी जाने वाली उत्पादन-प्रपिया के मुकाबले में खुद सहकारिता उत्पादन की पूंजीवादी प्रक्रिया का एक विशिष्ट रूप प्रतीत होती है। पूंजी के प्राचीन हो जाने पर वास्तविक बम-प्रक्रिया में यह पहला परिवर्तन होता है। यह परिवर्तन स्वयंस्फूर्त ढंग से होता है। मजदूरी पर काम करने वाले बहुत से मजदूरों से एक ही प्रक्रिया में एक साथ काम लेना, जो इस परिवर्तन की पावश्यक शर्त है, पूंजीवादी उत्पादन का भी प्रस्थान- चिन्नु है। और यह बिन्तु स्वयं पूंजी के जन्म से मेल जाता है। तब यवि, एक तरफ़, इतिहास में उत्पादन की पूंजीवावी प्रणाली मम-प्रक्रिया के एक सामाजिक प्रक्रिया में पान्तरित होने की एक प्रावश्यक शर्त के रूप में हमारे सामने पाती है, तो, दूसरी तरफ़, श्रम-प्रक्रिया का यह सामाजिक रूप इस तरह हमारे सामने प्राता है, जैसे पूंजी ने श्रम की उत्पादकता को बढ़ाकर उसका अधिक लाभदायक ढंग से शोषण करने के लिये यह तरीका निकाला हो। अभी तक हम सहकारिता के जिस प्रापनिक म पर विचार करते रहे हैं, उसमें सहकारिता अनिवार्य रूप से बड़े पैमाने के हर प्रकार के उत्पादन की सहगामिनी होती है, परन्तु यह बुर अपने में किसी ऐसे स्थिर रूप का प्रतिनिधित्व नहीं करती, जो उत्पादन की पूंजीवादी प्रणाली के विकास के किसी खास युग की विशेषता हो। यह वह अधिक से अधिक केवल दो युगों में करती है, और तब भी पूरी तरह नहीं। एक हस्तनिर्माण के उस प्रारम्भिक काल में, जब वह बहुत कुछ बस्तकारियों से मिलता-जुलता था; दूसरे, बड़े पैमाने की उस प्रकार की खेती के काल में, बो हस्तनिर्माण के युग अनुरूप पी और जो किसान की खेती से मुल्यतया इस बात में भिन्न पी कि उसमें बहुत से मजदूरों से एक साथ काम लिया जाता पा और उनके इस्तेमाल के लिये बहुत सारे उत्पादन के साधन एक जगह पर इकट्ठा कर दिये जाते थे। उत्पादन की जिन शालाओं में पूंजी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होती है और श्रम- विभाजन तथा मशीनों की भूमिका गौण होती है, उनमें हमेशा सरल सहकारिता प्रमुख रूप से पायी जाती है। उत्पादन की पूंजीवादी प्रणाली का बुनियादी म सदा सहकारिता का होता है। फिर भी उत्पादन की इस प्रणाली के अधिक विकसित मों के साथ-साथ सहकारिता का प्राथमिक म भी पूंजीवादी उत्पादन के एक विशिष्ट स्म की तरह कायम रहता है। 1 1 11 क्या काम की उन्नति का तरीका यह नहीं है कि एक ही काम साथ मिलकर करनेवाले बहुत से लोगों की संयुक्त निपुणता, उद्योग एवं स्पर्वा से लाभ उठाया जाये? और क्या किसी पौर तरीके से इंगलैण्ण अपने ऊनी उद्योग को विकास के इस ऊंचे स्तर पर पहुंचा सकता था?" (Berkeley, "The Querist" [बर्कले, 'प्रश्नकर्ता'], London, 1751, पृ० ५६, पैराग्राफ ५२११)