३८८ पूंजीवादी उत्पादन . . . . . . . डंग के मशीनों से चलने वाले उद्योग की पैदावार होता है। परन्तु घड़ी से ऐसे उदाहरण का काम लिया जा सकता है। विलियम पेटी ने हस्तनिर्माण में श्रम-विभाजन को स्पष्ट करने के लिये उसका इस्तेमाल किया था। पहले घड़ी नूरेम्बर्ग के किसी कारीगर की व्यक्तिगत पैदावार हमा करती थी, पर अब वह तकसीली काम करने वाले मजदूरों की एक बहुत बड़ी संख्या की सामाजिक पैदावार बन गयी है,-जैसे बड़ी कमानी बनाने वाले, घड़ी का चेहरा बनाने वाले, चक्करवार कमानी बनाने वाले, मणियां लगाने के लिये सूराज करने वाले, स्वी-सीवर बनाने बाले, घड़ी की सुइयां बनाने वाले, घड़ी का केस बनाने वाले, पेव बनाने वाले, मुलम्मा चढ़ाने वाले और फिर इनके अनेक उपवर्ग होते हैं, जैसे पहिये बनाने वाले (पीतल के पहिये और इस्पात के पहिये बनाने वाले अलग-अलग), पिन बनाने वाले, हरकत करने वाले पुखों को बनाने बाले, acheveur de pignon (वह कारीगर, जो धुरी पर पहिये लगाता है, पहलों को पालिश करता है, इत्यादि), कीलक बनाने वाले, planteur de finissage (वह कारीगर, जो पहिये और कमानियां लगाता है), finisseur de barillet (वह कारीगर, जो पहियों में दांत बनाता है, सही पाकार के सूराख बनाता है, इत्यादि), एस्केपमेंट-प्रथवा चालक शक्ति को नियामक से जोड़ने का यंत्र-बनाने वाले कारीगर, सिलिणार-नुमा एस्केपमेंट के लिये सिलिडर बनाने वाले, एस्केपमेंट के पहिये बनाने वाले, घड़ी की गति का नियमन करने वाला पक बनाने वाले, raquette (घड़ी का नियमन करने वाला यंत्र) बनाने वाले, planteur d'échappement (असली एस्केपमेंट बनाने वाले); उसके बाद पाते हैं repasseur de barillet (बह कारीगर, जो कमानी के लिये बक्स मावि तैयार करता है), इस्पात पर पालिश करने वाले, पहियों पर पालिश करने वाले, पेचों पर पालिश करने वाले, अंक अंकित करने वाले, घड़ी के चेहरे पर मीनाकारी करने वाले (जो ताम्बे पर मीना गलाकर लगाते हैं), fabricant de pendants (बह छल्ला बनाने वाला कारीगर, जिससे, केस दांगा जाता है), finisseur de charmiere (जो उपकन में पीतल का कुलावा प्रावि लगाता है), faiseur de secret (जो उन कमानियों को लगाता है, जिनसे उपकन खुलता है), graveur (नया सोदने वाला), ciseleur (तक्षण करने वाला), polisseur de boite (घड़ी के केस पर पालिश करने वाला), इत्यादि, इत्यावि, और सब के अन्त में repasseur, जो पूरी घड़ी को जोड़कर उसे चालू हालत में साँप देता है। घड़ी के केवल कुछ ही हिस्से कई मादमियों के हाथों में से गुजरते हैं। पौर ये तमाम membra disjecta (अलग-अलग दुकड़े) पहली बार केवल उस हाप में एक जगह इकट्ठा होते हैं, जो उन्हें बोड़कर एक यांत्रिक इकाई तैयार कर देता है। इस प्रकार की अन्य समस्त तैयार वस्तुओं की तरह इस उदाहरण में भी तैयार वस्तु तथा उसके नाना प्रकार के अनेक तत्वों के बीच जो बाह्य सम्बंध होता है, उसके फलस्वरूप तफसीली काम करने वाले मजदूर एक वर्कशाप में इकट्ठा किये जाते हैं या नहीं, यह केवल संयोग पर निर्भर करता है। इसके अलावा, तफसीली काम बहुत सी स्वतंत्र बस्तकारियों की तरह किये जा सकते हैं, जैसा कि बौर तथा न्यूक्रौतेल के कष्टनों में होता है, जब कि बेनेवा में घड़ियों की बड़ी-बड़ी हस्तनिर्माणशालाएं हैं, जिनमें तफसीली काम करने वाले मजदूर किसी एक पूंजीपति के नियंत्रण में प्रत्यक्ष रूप से सहकार करते हैं। पर घड़ी का चेहरा, कमानियां और केस इन हस्तनिर्माण- शालाओं में भी बहुत कम ही बनते हैं। मजदूरों का केनीकरण करके एक कारखानेदार के रूप में व्यवसाय पलाना घड़ियों के बंधे में केवल कुछ मसाधारण परिस्थितियों में ही लाभदायक होता है। इसका कारण यह है कि जो मजदूर अपने घर पर काम करना चाहते हैं, उनके बीच त्याना . . 1 .
पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/३९१
दिखावट