४६२ पूंजीवादी उत्पादन उस जमाने के लोगों को प्रशास्त्र और ईसाई धर्म का परा भी शान नहीं था। उदाहरण के लिये, वे यह नहीं समझ पाये थे कि मशीनें काम के दिन को लम्बा करने का सबसे सफल साधन होती हैं। ये लोग पुलामी को शायद इस तर्क के आधार पर उचित समझ लेते थे कि एक की गुलामी दूसरे के पूर्ण विकास का साधन है। लेकिन उनको चूंकि ईसाई धर्म की बेन नहीं प्राप्त पी, इसलिये जनता की गुलामी का केवल इसलिये समर्थन करने की उनमें ममता नहीं हो सकती थी कि उससे चन्द असम्य, पर्व-शिक्षित नये रईस "eminent spinners" ("प्रसिड कताई करने वाले"), "extensive sausage-makers" ("बड़े पैमाने पर सासेज बनाने वाले") और "influential shoe-black dealers (प्रभावशाली चूट-पालिश बेचने वाले") बन जायेंगे। ग) मम का और अधिक तीव्र कर दिया जाना पूंजी के हाथ में पाने पर मशीनें काम के दिन को जिस अनुचित ढंग से लम्बा कर देती है, उसकी समाज पर प्रतिक्रिया होती है, जिसके जीवन के स्रोतों के लिये संकट पैदा हो जाता है। और इस प्रतिक्रिया के फलस्वरूप काम का एक साधारण दिन निश्चित होता है, जिसकी लम्बाई कानून द्वारा तै कर दी जाती है। बस उसी समय से बह चीन बहुत महत्व प्राप्त कर लेती है, जिसकी हम पहले भी चर्चा कर चुके हैं और जिसे श्रम का तीव्रीकरण कहते हैं। हमने निरपेक अतिरिक्त मूल्य का जो विश्लेषण किया था, उसका मूलतया केवल श्रम के प्रसार अथवा उसकी अवधि से सम्बंध था और उसकी तीव्रता को हम स्थिर मानते रहे थे। अब हम इस विषय पर विचार करेंगे कि अपेक्षाकृत अधिक समय तक किये जाने वाले मम का स्थान अपेक्षाकृत अधिक तीव्र श्रम कैसे ले सकता है और किस हद तक ले सकता है। यह बात स्वत:स्पष्ट है कि जिस अनुपात में मशीनों का उपयोग फैलता जाता है और मशीनों से काम करने के पानी मजदूरों के एक विशेष वर्ग का अनुभव संचित होता जाता है, वैसे-वैसे माधुनिक काल के लोगों के विचारों के परस्पर विरोधी स्वरूप को बिल्कुल स्पष्ट कर देती है। "Schonet der mahlenden Hand, o Müllerinnen, und schlafet Sanft! es verkünde der Hahn euch den Morgen umsonst! Dão hat die Arbeit der Mädchen den Nymphen befohlen, Und jetzt hüpfen sie leicht über die Räder dahin, Daß die erschütterten Achsen mit ihren Speichen sich wälzen, Und im Kreise die Last drehen des wälzenden Steins. Laßt uns leben das Leben der Väter, und laßt uns der Gaben Arbeitslos uns freun, welche die Göttin uns schenkt." ("पाटा पीसने वाली लड़कियो, अब उस हाथ को विश्राम करने दो, जिस से तुम चक्की पीसती हो, और धीरे से सो जामो! मुर्गा बांग देकर सूरज निकलने का ऐलान करे, तो भी मत उठो! देवी ने अप्सरामों को लड़कियों का काम करने का आदेश दिया है, और अब वे पहियों पर हल्के-हल्के उछल रही है, जिससे उनके धुरे भारों समेत घूम रहे हैं और चक्की के भारी पत्थरों को घुमा रहे हैं। मामो, अब हम भी अपने पूर्वजों का सा जीवन बितायें, काम बन्द करके पाराम करें और देवी के प्रसाद से लाभ उगयें।") (Gedichte aus dem Griechischen übersetzt von Christian Graf zu Stolberg, Harnburg, 1782 [7° 292])
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