५५८ पूंजीवादी उत्पादन - . Workshops' Regulation Act (चर्कशाप-नियमनकानून) अपनी सारी तफसीलों की दृष्टि से एक बहुत ही तुच्छ सा कानून पा। नगरपालिका के अधिकारियों तथा स्थानीय अधिकारियों को इस कानून को अमल में लाने की जिम्मेदारी दी गयी थी। उनके हाथों में वह महब काग्रज का एक टुकड़ा बनकर रह गया। १८७१ में संसद ने इन लोगों से यह अधिकार छीन लिया और उसे फैक्टरीसंस्पेक्टरों को सौंप दिया। इस प्रकार, उनके क्षेत्र में एक झटके में ही एक लाल वर्कशापों और इंट के तीन सौ भट्ठों की वृद्धि कर दी गयी। पर साथ ही फैक्टरी- इंस्पेक्टरों को, जिनके पास पहले से ही कर्मचारियों की बेहद कमी पी, पाठ नये सहायकों से अधिक न देने की सावधानी बरती गयी। प्रतएव, १८६७ के अंग्रेजी कानूनों में दो बातें सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करती हैं, उनमें से एक तो यह है कि शासक वर्गों की संसद को पूंजीवादी शोषण की त्यावतियों के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर और ऐसे प्रसाधारण डंग कदम सिद्धान्त के रूप में उठाने के लिये मजबूर होना पड़ा, और दूसरी बात यह है कि अमली तौर पर इन कदमों को उठाते हुए उसने बेहद हिचकिचाहट, अनिच्छा और बेईमानी का परिचय दिया। १९६२ के प्रौद्योगिक जांच-पायोग ने सानों के उद्योग का नव नियमन करने का भी सुझाव दिया था। अन्य उद्योगों की तुलना में इस उद्योग की एक असाधारण विशेषता है कि उसमें सीवार और पूंजीपति के हित पुर जाते थे। इन दो हितों के विरोष से फैक्टरी-कानूनों को सहायता मिली थी, और सानों के सम्बंध में कानून बनाने के सिलसिले में टालमटूल और वाक्- छल के प्रदर्शन का असली कारण इसी विरोध का प्रभाव पा। १८४० के जांच-पायोग ने ऐसी-ऐसी भयानक और लोमहर्षक बातों का भण्डाफोड़ किया वा और उससे सारे योरप में ऐसी बदनामी हो गयी थी कि संसद ने पाखिर अपनी प्रात्मा की पावास को शान्त करने के लिये १८४२ का Mining Act (सानों का कानून) पास कर दिया। इस कानून में केवल १० वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा स्त्रियों से खानों में जमीन की सतह के नीचे काम लेने की मनाही करके ही संतोष कर लिया गया था। इसके बाद एक और कानून-१८६० * Mines' Inspecting Act (arait निरीक्षण का कानून)-बनाया गया। इस कानून में इस बात की व्यवस्था की गयी कि विशेष म से नियुक्त सार्वजनिक अफसर सानों का निरीक्षण किया करेंगे और १० तवा १२ वर्ष के बीच की उम्र के लड़कों से तब तक काम नहीं लिया जायेगा, जब तक कि उनके पास स्कूल का प्रमाण-पत्र नहीं होगा या जब तक कि वे कुछ निश्चित घण्टे स्कूल में नहीं बितायेंगे। परनिरीक्षण करने वाले इंस्पेक्टरों की संख्या चूंकि मजाक की हद तक कम थी और चूंकि उनको नहीं के बराबर अधिकार दिये गये थे, और कुछ अन्य कारणों से, जिनपर मागे प्रकाश पड़ेगा, यह कानून महब कागजी कार्रवाई बनकर रह गया। सानों के सम्बंध में एक सबसे ताचा सरकारी प्रकाशन है “Report from the Select Committee on Mines, together with &c. Evidence, 23rd . . 1फैक्टरी-इंस्पेक्टरों के कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों में २ इंस्पेक्टर, २ सहायक इंस्पेक्टर और ४१ सब-इंस्पेक्टर थे। १८७१ में पाठ नये सब-इंस्पेक्टर नियुक्त किये गये। इंगलैण्ड, स्कोटलैण्ड और मायरलैण्ड में इन कानूनों को अमल में लाने का कुल खर्चा १८७१- १८७२ में २५,३४७ पौण्ड से अधिक नहीं बैग था, जिसमें कानून भंग करने वाले मालिकों पर चलाये गये मुकदमों का कानूनी खर्च भी शामिल था।
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