मजदूरी के राष्ट्रगत भेद ६३१ किये थे और तब से अब तक इंगलैग में फैक्टरियों का साकार पार तकुमों की प्रति मजदूर संख्या पहले से बढ़ गयी है। लेकिन उन्होंने यह फर्क कर लिया है कि योरप के जिन देशों के प्रांकड़े तालिका में दिये गये हैं, उन देशों में भी लगभग इसके समान प्रगति हो गयी है और इस तरह तुलनात्मक अध्ययन के लिये तालिका के प्रांकड़ों का अब भी पहले जैसा ही महत्व है। प्रति फेक्टरी तकुमओं की पोसत संख्या इंगलैग, प्रति फेक्टरी तकुओं का मौसत फांस, १२,६०० १,५०० " 11 प्रशिया: 11 " 91 " 11 " 11 बेल्जियम, संक्सोनी, 11 31 ४,५०० ७,००० 91 " 11 प्रास्ट्रिया, स्विटवरलेण्ड, 91 प्रति मजदूर तकुओं की प्रोसत संख्या फ्रांस, एक व्यक्ति के पीछे १४ तकुए " 11 " 91 २८ " 91 " 11 91 91 ४९ 11 प्रशिया, बवेरिया, प्रास्ट्रिया, बेल्जियम, सैक्सोनी, स्विटजरलैग, जर्मनी के छोटे राज्य, 21 11 " n 11 99 " 91 91 " 91 बिटेन, " " 11 ७४ . मि० रेव ने लिखा है: "यह तुलना इसलिये और ब्रिटेन के प्रतिकूल पड़ती है कि वहां ऐसी फ्रक्टरियों की संख्या बहुत बड़ी है, जिनमें कताई के साथ-साथ शक्ति द्वारा बनाई भी की जाती है (हालांकि तालिका में से चुनकरों की संख्या घटापी नहीं गयी है), और विदेशों में को फेक्टरिया है, ये मुख्यतया कताई की औक्टरियां हैं। यदि कढ़ाई के साथ केवल एक ही प्रकार की चीजों का मुकाबला करना सम्भव होता, तो मेरे रिस्ट्रिक्ट में मुझे ऐसी बहुत सी सूत की कताई करने वाली फेवटरियां मिल जाती, जिनमें २,२०० कुए लगे हुए म्यूलों की केवल एक पारनी (minder) और उसके दो सहायक देखरेख करते हैं और रोजाना २२० पोस त तैयार कर देते हैं, वो लम्बाई में४०० मील के बराबर होता है।" ("Reports of Insp. of Fact., 31st Oct., 1866 [पटरियों के सेक्टरों की रिपोर्ट, ३१ अक्तूबर १८६६'], पृ. ३१-३७, विभिन्न स्थानों पर.)