पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/६३६

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मजदूरी के राष्ट्रगत भेद . पाये जाते है, रिकार्ग तथा अन्य प्रशास्त्रियों के सिवान्तों का फल है। और, अन्त में, मि० केरी ने प्राविष्कार किया है कि उत्पादन की पूंजीवादी प्रणाली के सहन साँवर्य तथा माधुर्य को बो चीन पाखिर में नष्ट कर देती है, वह है वाणिज्य । मि० फेरी एक कदम और मागे बड़े होते, तो शायद यह प्राविष्कार भी कर गलते कि पूंजीवादी उत्पादन में केवल एक ही पीच दुरी है, और वह है पूंजी। इस व्यक्ति में पालोचनात्मक समता का इतना भयानक प्रभाव पौर सापही नकली पामित्य का ऐसा बाहुल्य था कि अपने संरक्षणवादी धर्म-मोह के बावजूद केवल वही इस योग्य था कि बस्तियात जैसे मादमी की और स्वतंत्र व्यापार के समर्थक, प्राजकल के अन्य सभी प्राशावादियों की सुमेल बुद्धि का गुप्त बोत बन जाये।