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पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/६३९

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तेईसवां अध्याय साधारण पुनरुत्पादन . समान में उत्पादन की प्रक्रिया का रूप कुछ भी हो, यह प्रावश्यक है कि वह एक निरन्तर चलने वाली प्रक्यिा हो और एक निश्चित अवधि के बाद बारम्बार उन्हीं अवस्थामों में से गुखरे। जिस तरह कोई समाज कभी उपभोग करना बन्द नहीं कर सकता, उसी प्रकार वह कमी उत्पादन करना भी बन्द नहीं कर सकता। इसलिये, यदि उत्पादन-प्रक्रिया पर एक सम्बन इकाई के रूप में और एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में विचार किया जाये, जो हर बार नये सिरे से प्रारम्भ हो जाती है, तो उत्पादन की प्रत्येक सामाजिक प्रक्रिया साथ ही पुनरुत्पादन की भी प्रपिया होती है। वो बातें उत्पादन के लिये प्रावश्यक होती है, वे ही पुनरुत्पादन के लिये भी पावश्यक होती हैं। उस बात तक कोई समान लगातार उत्पावन नहीं कर सकता,-दूसरे शब्दों में, उस बात तक कोई समान पुनरुत्पादन नहीं कर सकता,-जब तक कि वह अपनी पैदावार के एक भाग को बार-बार उत्पादन के साधनों में, अपना नयी पैदावार के तत्वों में, नहीं बदलता बाता। यदि अन्य सभी बातें ज्यों की त्यों रहें, तो केवल एक ही तरीका है, जिससे समाज अपने धन का पुनवत्पादन कर सकता है और उसे एक स्तर पर कायम रख सकता है। वह तरीका यह है कि वह सदा उत्पादन के साधनों का स्थान भरता जाये, अर्थात् साल भर में जितने भन के प्राचार, कच्चा माल तथा सहायक पदार्थ खर्च हो जाते हैं, उतनी ही मात्रा में ये सारे पदार्थ हर बार नये तैयार करता जाये। इन पदापों को वर्ष की बाकी पैदावार से अलग करके नये सिरे से उत्पादन की प्रक्यिा में मॉक देना होता है। इसलिये, हर साल की पैदावार का एक निश्चित भाग उत्पादन के क्षेत्र की सम्पत्ति होता है। इस भाग के लिये पहले से ही यह ते होता है कि उसका उत्पादक उंग से उपभोग किया जायेगा; और वह अधिकतर ऐसी वस्तुओं की शकल में होता है, वो व्यक्तिगत उपभोग के लिये सर्वथा अनुपयुक्त होती है। यदि उत्पादन का म पूंजीवादी है, तो पुनरुत्पावन का म भी नही होगा। जिस प्रकार पूंजीवादी उत्पादन में मन-प्रक्रिया पूंजी के प्रात्म-विस्तार का एक साधन मात्र होती है, उसी प्रकार पूंजीवादी पुनरुत्पादन में वह पेवागी लगाये गये मूल्य का पूंजी केस में-पर्वात् स्वयं अपना विस्तार करने वाले मूल्य के स में-पुनवत्पादन करने का साधन मात्र होती है। कोई प्रारमी पूंजीपति का पार्षिक भेस केवल इसीलिये भर सकता है कि उसकी मुद्रा लगातार पूंजी की तरह काम करती रहती है। बाहरण के लिये, यदि इस साल १०० पौड की कम पूंजी में बबली गयी है और उससे २० पौड का प्रतिरिक्त मूल्य पाएमा है, तो अगले वर्ष और . .