पूंजीवादी संचय का सामान्य नियम ७८३ 1 - . माबादी में कमी पायी, तो स्वभावतया उसके साथ-साथ पैदावार की राशि में भी कमी मा गयी। यहां पर १८६१ से १८६५ तक के उन ५ वर्षों पर ही विचार कर लेना काफी होगा, जिनके दौरान में ५ लाख से ज्यादा भावमी देश छोड़कर चले गये थे और कुल मावादी में सवा तीन लाख से अधिक की कमी मा गयी थी। अब पाइये, सेती पर विचार करें, जिससे पशुओं और मनुष्यों के जीवन-निर्वाह के साधन प्राप्त होते हैं। निम्न तालिका में यह दिखाया गया है कि हर अलग-अलग वर्ष की पैदावार में उसके पहले वर्ष की तुलना में कितनी कमी पायी या कितनी वृद्धि हुई। 'अनाज की फसलें 'शीर्वक में गेहूं, जई, जौ, रई, फलियां और मटर शामिल हैं। 'हरी फसलें' शीर्षक में मालू, शलजम, चुकन्दर, गोभी, गाजर, गर्जरिका और उड़द मादि शामिल हैं। १८६५ के वर्ष में १,२७,४७० एकर नयी जमीन 'घास की बमीन' वाली मद में पुरु गयी। इसका मुख्य कारण यह था कि 'बलबल और अनधिकृत पड़ती बमीन' की मब के रावे में १,०१,५४३ एकड़ की कमी मा गयी थी। यदि हम १८६५ को १८६४ के साप तुलना करें, तो हम यह पाते हैं कि अनाज के उत्पादन में २,४६,६६७ क्वार्टर की कमी मा गयी थी, जिसमें से ४८, पवार्टर की कमी गेहूं में, १,६०,६०५ क्वार्टर की कमी नई में, २९,८९२ की कमी हौ में और इसी प्रकार अन्य अनाजों में पायी थी। मालमों में ४,४६,३९८ टन की कमी मा गयी थी, हालांकि उनकी फसल का रकबा १८६५ में बढ़ गया था। देखिये तालिका (ग), पृष्ठ ७८४-७५५] पायरलडकी पावावी और खेती की पैदावार में जो उतार-चढ़ाव प्राता रहा है, उसे देखने के बाद अब हमें यह देखना चाहिये कि वहां के जमींदारों, बड़े काश्तकारों और प्रौद्योगिक पूंजीपतियों के पन में क्या उतार-चढ़ाव भाया है। यह उतार-चढ़ाव माय-कर के उतार-चढ़ाव में प्रतिविम्बित होता है। पाठकों को याद होगा कि अनुसूची "" (जिसमें काश्तकारों के अलावा बाकी सब के मुनाने विलाये जाते हैं) में तथाकषित "वृत्तियों के मुनाने", अर्थात् वकीलों, गक्टरों प्रादि की माय भी शामिल होती है और अनुसूची "ग" और "," में, जिनमें म्योरे की बातें नहीं दी जाती, कर्मचारियों, अफसरों, राज्य से मुफ्त में तनख्वाह पाने वालों और राजकीय बंधकधारियों प्रादि की प्राय भी शामिल होती है। अनुसूची "" के अनुसार प्रापरलेज में १८५३ से १८६४ तक पाय में प्रोसत वार्षिक वृद्धि केवल ०.६३ प्रतिशत हुई थी, जब कि उन्हीं वर्षों में प्रेट ब्रिटेन में पाप में प्रोसत वार्षिक वृद्धि ४,५८ प्रतिशत हुई थी। तालिका "" बताती है कि १८६४ और १८६५ में (काश्तकारों को छोड़कर बाकी सब लोगों के) मुनानों का बंटवारा किस प्रकार हुमाया। इंगलैड एक पूर्णतया विकसित पूंजीवावी उत्पादन का और प्रधानतया एक प्रौद्योगिक पेश है। प्रापरलेस की पावादी में जितनी बड़ी कमी मा गयी है, यदि उतनी बड़ी कमी इंगलेज की पाबादी में मा बाती, तो उसका तो बम निकल जाता। लेकिन माजकल तो पापरलेस महब इंगले का एक तिहर इलाका बना हुआ है, यद्यपि एक चौड़ा जलउमरू- मध्य उसे इंगलैस से पता किये हुए है। वह इंगलैग को मनान, ऊन, डोर और उद्योग-पंधों तवा सेना के लिये रंगत देता है। भावरलेस की पावावी के उजड़ जाने के कारण यहां की बहुत सारी जमीन सेती से निकल .
पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/७८६
दिखावट