पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/२७४

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परिवर्ती पूंजी का प्रावर्त २७३ इस अंतिम प्रसंग पर हम थोड़ा और विचार करेंगे। हम अपने पुराने उदाहरण की सारी अाधारिकाओं को कायम रखेंगे, सिवा इसके कि यावर्त अवधि बढ़ाकर ५५ सप्ताह कर दी जाती है। श्रम प्रक्रिया को प्रति सप्ताह १०० पाउंड परिवर्ती पूंजी की , अतः आवर्त अवधि के लिए ५,५०० पाउंड की आवश्यकता है और वह प्रति सप्ताह १०० वे पैदा करती है; अतः वे' पहले की तरह १००% है। यहां आवर्त संख्या सं ५०/५५ या १०/११ है, क्योंकि आवर्त काल १+ वर्ष (५० सप्ताह के) का १/१० अथवा ११/१० वर्प है। १००%X५,५००x१०/११ वे = १००x१०/११ १,००० ११ ६० १०/११%। इसलिए यह १००% से कम है। वस्तुतः यदि वेशी मूल्य की वार्षिक दर १००% हो, तो साल में ५,५००प ५,५००वे पैदा करेंगे, जब कि इसके लिए ११/१० वर्ष ज़रूरी होते हैं। ५,५०० प साल में केवल ५,०००वे पैदा करते हैं, अतः वेशी मूल्य की वार्षिक दर ५,००० वे अथवा १०/११, अथवा ६० १०/११% है। ५,५०० प अतः वेशी मूल्य की वार्षिक दर अथवा वर्ष में उत्पादित वेशी मूल्य से सामान्यतः पेशगी परिवर्ती पूंजी की तुलना ( उस परिवर्ती पूंजी से भिन्न , जो साल के दौरान आवर्तित होती है ) कोई प्रात्मगत तुलना मात्र नहीं है ; स्वयं पूंजी की वास्तविक गति ही इस वैषम्य को उत्पन्न करती है। जहां तक पूंजी क के स्वामी का सवाल है, उसकी ५०० पाउंड की पेशगी परिवर्ती पूंजी साल ख़त्म होने पर उसके पास लौट आई है, और वेशी मूल्य के ५,००० पाउंड ऊपर से आये हैं। उसकी पेशगी पूंजी के परिमाण को उसके द्वारा वर्ष में नियोजित पूंजी की मात्रा नहीं, वरन उसके पास नियतकालिक रूप से लौटकर आनेवाली मात्रा प्रकट करती है। प्रस्तुत मामले के लिए यह निरर्थक है कि साल ख़त्म होने पर पूंजी अंशतः उत्पादक पूर्ति के रूप में विद्यमान रहती है या अंशतः द्रव्य पूंजी अथवा माल पूंजी के रूप में और वह इन भिन्न भागों में किन अनुपातों में विभाजित है। जहां तक पूंजी ख के स्वामी का सवाल है, उसकी ५,००० पाउंड की पेशगी पूंजी तथा इसके ऊपर वेशी मूल्य के ५,००० पाउंड लौट आये हैं। ग पूंजी ( जिस पर सबसे अंत में विचार किया गया है और जो ५,५०० पाउंड की है ) स्वामी के लिए वर्ष में ५,००० पाउंड का वेशी मूल्य उत्पादित हुअा है (५,००० पाउंड का निवेश और वेशी मूल्य की दर १००% ), किंतु उसके पास अभी न उसकी पेशगी पूंजी और न उस द्वारा उत्पादित वेशी मूल्य ही लौटे हैं। बे' =वे' सं यह दर्शाता है कि एक आवर्त अवधि में नियोजित परिवर्ती पूंजी के लिए संगत वेशी मूल्य की दर, अर्थात एक आवर्त अवधि में उत्पादित वे की मात्रा एक आवर्त अवधि में नियोजित प को आवर्त अवधियों की संख्या अथवा पेशगी परिवर्ती पूंजी की पुनरुत्पादन अवधियों की संख्या से, जिन अवधियों में वह अपने परिपथ का नवीकरण करती है, उनकी संख्या से गुणित करना होगा। 18-1180