पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/३७६

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साधारण पुनरुत्पादन ३७५ यह अपने मूर्त रूप श्रम का उत्पाद है - जैसे इस क्षेत्र में किया गया कपड़ा बुनने, वेकिंग ( पकाने ), वगैरह का श्रम - वह इस श्रम का उत्पाद है, क्योंकि यह श्रम श्रम प्रक्रिया के अात्मगत तत्व की तरह कार्य करता है। जहां तक उत्पाद II के मूल्य के स्थिर अंश का मंबंध है, वह केवल नये मूल्य में , नये दैहिक रूप में, उपभोग वस्तुओं के रूप में पुनः प्रकट होता है, जब कि पहले वह उत्पादन साधनों के रूप में था। उसका मूल्य श्रम प्रक्रिया द्वारा उसके पुराने दैहिक रूप से उसके नये दैहिक रूप में अंतरित हो गया है। किंतु उत्पाद मूल्य के दो तिहाई भाग का २,००० के बरावर मूल्य II की चालू वर्ष की स्वप्रसार प्रक्रिया में उत्पादित नहीं हुआ है। जैसे II का उत्पाद श्रम प्रक्रिया के दृष्टिकोण से सद्यः कार्यशील सजीव श्रम का तथा उसे आवंटित उन कल्पित उत्पादन साधनों का परिणाम है, जिनमें वह श्रम अपनी वस्तुगत परि- स्थितियों में मूर्त रूप में अभिव्यंजित होता है, वैसे ही स्वप्रसार की प्रक्रिया के दृष्टिकोण से II के उत्पाद का ३,००० के वरावर मूल्य नये जोड़े सामाजिक कार्य दिवस के एक तिहाई भाग द्वारा उत्पादित एक नये (५००+ ५००=१,०००) तथा यहां विवेचित II की वर्तमान उत्पादन प्रक्रिया से पहले समाप्त हो चुके एक गत सामाजिक कार्य दिवस के दो तिहाई भाग का समावेश करनेवाले स्थिर मूल्य से विरचित है। II उत्पाद के मूल्य का यह अंश अपने को स्वयं उत्पाद के एक भाग में अभिव्यंजित करता है। वह २,००० की अथवा सामाजिक कार्य दिवस के दो तिहाई भाग की उपभोग वस्तुओं की राशि में होता है। यह वह नया उपयोग रूप है, जिसमें यह मूल्यांश पुनः प्रकट होता है। २,००० स के वरावर उपभोग वस्तुओं के एक भाग का I (१,०००+१,०००३) के वरावर उत्पादन साधनों से विनिमय इस प्रकार वास्तव में समुचित कार्य दिवस के दो तिहाई भाग का- जो चालू वर्ष के श्रम का कोई अंश नहीं होता और इस वर्ष के पहले ही समाप्त हो चुका था- चालू वर्ष जोड़े नये दो तिहाई कार्य दिवस से विनिमय है। चालू वर्ष के सामाजिक कार्य दिवस का दो तिहाई भाग स्थिर पूंजी के उत्पादन में लगाया जाये और साथ ही खुद अपने उत्पादकों के लिए परिवर्ती पूंजी मूल्य के साथ वेशी मूल्य वन जाये , ऐसा तभी हो सकता है कि उसका वर्ष में उपभुक्त उपभोग वस्तुओं के मूल्यांश से विनिमय हो, जिनमें चालू वर्ष से पहले व्ययित और सिद्धिकृत कार्य दिवस का दो तिहाई भाग समाविष्ट होता है। यह चालू वर्ष के दो तिहाई कार्य दिवस का इस वर्ष से पहले व्ययित दो तिहाई कार्य दिवस से विनिमय , चालू वर्ष के श्रम काल का पिछले वर्ष के श्रम काल से विनिमय है। इससे यह पहेली सुलझ जाती है कि एक समूचे सामाजिक कार्य दिवस का मूल्य उत्पाद अपने को कैसे परिवर्ती पूंजी मूल्य तथा वेशी मूल्य के योग में वियोजित कर सकता है, यद्यपि इस कार्य दिवस का दो तिहाई उन वस्तुओं के , जिनमें परिवर्ती पूंजी अथवा वेशी मूल्य का सिद्धिकरण हो सकता है , उत्पादन में नहीं, वरन साल में उपभुक्त पूंजी के प्रतिस्थापन के लिए उत्पादन साधनों के. उत्पादन में खर्च किया गया था। इसकी सीधी-सादी व्याख्या यह है कि II के उत्पाद के मूल्य के जिस दो तिहाई भाग में 1 के पूंजीपति और मजदूर अपने द्वारा उत्पादित वेशी मूल्य तथा परिवर्ती पूंजी मूल्य का सिद्धिकरण करते हैं (और जो सारे वार्षिक उत्पाद के मूल्य का २/६ भाग है), वह - जहां तक उसके मूल्य का संबंध है,- चालू वर्ष से पहले के साल के सामाजिक कार्य दिवस के दो तिहाई भाग का उत्पाद है।