पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/४५५

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कुन सामाजिर पूंजी का पुनरुत्पादन तथा परिचलन नि उधार पनि में, जिसमें यह माना जाता है कि अस्थायी रूप से विमुक्त सारी अतिरिक्त दम पूजी तुरंत प्रतिस्ति द्रव्य पूंजी की तरह सक्रिय कार्य करने लगती है, इस तरह की वन अस्थायी मा में विमुक्त द्रव्य पूंजी, मिसाल के लिए I के नये उद्यमों में काम देने के लिए प्रातर्षित की जा सकती है, जब कि उसे वहां दूसरे उद्यमों में अटके वेशी उत्पाद का गिद्धिकरण करना होगा। इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि स्थिर पूंजी II में ७० व के प्रयोजन के लिए परिवती पूंजी II में साथ ही १४ का प्रसार होना भी आवश्यक है। इसका मतलब है-जगे कि I पूंजी में वेशी उत्पाद I के प्रत्यक्ष समावेश में I में भी था- कि 11 में पुनरुत्पादन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और उसकी प्रवृत्ति आगे और पूंजीकरण की ओर हे; दूसरे शब्दों में इसका मतलब है बेशी उत्पाद के आवश्यक निर्वाह साधनों से संरचित अंश का प्रसार। जैसा कि हम देख चुके हैं, दूसरे उदाहरण में, यदि ५०० वे का पूंजीकरण अभीष्ट है, तो ६,००० का उत्पाद पुनरुत्पादन हेतु निम्नलिखित ढंग से वितरित करना होगा। ऐसा करते हुए हम केवल मालों को ध्यान में रखते हैं और द्रव्य परिचलन को नजरअंदाज़ करते 1. ५,०००+५००वे (जिसका पूंजीकरण होना है ) + १,५०० (प+बे ) उपभोग निधि बराबर है माल रूप ७,००० के। II. १,५००+२६६५+२०१३ वरावर है माल रूप २,००० के। कुल योग माल रूप ६,०००। पूंजीकरण निम्नलिखित ढंग से होता है : I में जिन ५००वे का पूंजीकरण हो रहा है, वे दो हिस्सों - ५/६ अथवा ४१७स तथा १/६ अथवा ८३५ - में विभाजित हो जाते हैं। ८३५ उतनी ही राशि II से निकालते हैं, जो स्थिर पूंजी के तत्व खरीदता है और उन्हें IIस में जोड़ देता है। IIस में ८३ की वृद्धि का मतलब है IIT में ८३ के पंचमांश , यानी १७ की वृद्धि। इसलिए इस विनिमय के वाद स्थिति यह होती है : 1. ( ५,०००+ ४१५३)+ (१,०००+ ८३३)= ५,४१७स+ १,०८३५ = ६,५०० । II. (१,५००+ ८३३)स+( २६६५+ १७३)= १,५८३स+ ३१६५ = १,८६६ । योग ८,३६६। 1 के यहां पूंजी ६,००० बढ़कर ६,५०० हो गई है, यानी १/१२ गुना बढ़ गई है। II के यहां पूंजी १,७१५ से बढ़कर १,८६६ हो गई है या १/६ से कुछ कम बढ़ी है। इस आधार पर दूसरे वर्ष में पुनरुत्पादन उस वर्ष के अंत में पूंजी को यहां तक पहुंचा देता है: I. (५,४१७ + ४५२३ ) + (१,०८३५+ ६०)प=५,८६६स+ १,१७३५ = ७,०४२ । II. (१,५८३+४२३+ta)+ (३१६५+a+१८३५- १,७१५+३७२५२,०५७ ।