पृष्ठ:कालिदास.djvu/७२

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माम रग। परदास और 'गोपरि माथि गुरदार होस्मारक हैं। एक जगह, पुर- लहरोतिः पुरम घ उन्होंने सर ही उल्लेख ह जर कि विक्रमादित्य और दोली सायर पर्यन्न गुप्त राज्य रे तयारी असतके कर-सपा का संहार र परेशले, मगपाधीश दूसरे सारे विमान थे। सुदूरवर्ती रे ह के रोमादि कुन प्रदेशों को साल र सारे भारत का सरोका एसोधे सर्व में कालिदास से देने का राकेशारा होता जाना लिखा है देने परोरगुल का अधिकार था। स देश में मर और रूपन्ती का नाम र रसीलिए रिमोनितीर चन्द्र- सारा मार है। परन्ती और मगध का तो वह दोस। उनका उल्लेख कालिदास को करते ! जिसका ..पहसे हो से अधिकार होता है उसका जीतना कैसा!