पृष्ठ:काव्य दर्पण.djvu/७१

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प्रवृत्ति का वेग तथा त्यौरी चढ़ाना आँखें लाल होना, हाथ उठाना, ये सब बातें रहती है ।-रिचार्ड्स के लक्षण का ही भारतीय संस्करण है।' संक्षेप में यह कि भाव तो कभी आस्व दनात्मक चित्तवृत्ति का और कभी साधारण चित्तवृत्ति का बोध कराता है। जो बालोचक दैहिक अवस्थाविशेष के नोध में भाव शब्द का प्रयोग करते है उनसे हम सहमत नहीं ; क्योंकि विकारो मानसो भाव' मानसिक विकार अर्थात् मन का अवस्थाविशेष ही भाव है। __ स्थायी और संचारी स्थायी शब्द का अँगरेजी प्रतिशब्द है permanent ( परमानेंट)। इसको प्राथमिक भाव Primary emotion (प्राइमरी इमोशन ) भी कहा जाता है। संचारी भावों को मन की परिवर्तन अवस्था transient state of mind (ट्रांसेन्ट स्टेट श्राफ माइण्ड ) या अधिक क्षणस्थायी भाव more transient emotion ( मोर ट्रान्सेन्ट इमोशन ) कहते है। स्थायी और संचारी भावो में उतना गहरा अन्तर नहीं दीख पड़ता। रति, शोक श्रादि-जैसे वासना वा संस्कार के वश मानव-मन से सम्बद्ध है वैसे ही शंका, हर्ष श्रादि संचारी भाव भी संस्कारवश पुरुषपरम्परा से मानसिक संस्कार के उपादान रूप में संक्रमित होते चले आते हैं। दोनों ही संस्कार-स्वरूप हैं। _____ व्यक्ति भेद से इन वासनानो या संस्कारों में से किसी में कोई अधिक रहता है, कोई न्यून । किसी में एकाधिक भी हो सकता है। यह देखा भी जाता है कि कोई अधिक विलासी होता है और कोई अधिक क्रोधी। ऐसे हो कोई अधिक डरपोक होता है तो कोई अधिक शान्त ; किन्तु शंका, असूया आदि ऐसी चित्तवृत्तियाँ हैं जो विभाव आदि के अभाव में कभी उत्पन्न ही नहीं होती ; पर ऐसी दशा स्थायी भावों को नहीं है। अरस्तू ने रसानुकूल अनुसरण (Aesthetic imitation) के जो तीन प्रकार बताये है-चरित्र (character), भाव (emotion) और कम (action)3, वे स्थायी भाव, संचारो भाव और अनुभाव हो हैं । बूचर की व्याख्या से यही स्पष्ट ज्ञात होता है। ...In popular parlance the term emotion' stands for those happen. ings in minds which accompany such exhibition of unusual excitement as weeping, shouting, blushing, trembling and so on. २. संवित्स्यभावे निमंजनात् अत एव उन्मंजनाच्च तेऽपि संविदात्मकाः।-म०

For even dancing imitate character, emotion and action

ited stayiammical mro vertents Aristotle's Poetics,