को भी भाषा के माध्यम से नव-नव रूप प्रदान कर सकता है। ऐसा ही कवि है । इस विषय में यह लोकोक्ति सार्थक है-"जहाँ न पहुँचे रवि वहां पहुंचे कमि।" ____ कवि की एक ऐसी अवस्था होती है, जिसे हम उसका उद्दीपन काल वा उन्मादन-काल कह सकते हैं। वाल्मीकि की जिस अभिभूतावस्था में श्राप-ही-श्राप हृदय की वेदना श्लोक-रूप में फूट पड़ी थी प्रायः ऐसी अवस्था प्रतिभाशाली कवियों की भी होती है। इसोको हमारे प्राचार्य ने समाधि', प्लोटो ने अनप्रेरणा शेली ने रमणीय तथा उत्तम क्षण3 कहा है और पन्त के शब्दों में यही है-'कविता परिपूर्ण क्षणों को वाणी है।' इस अवस्था में कवि अपनी अनुभूति को भाषाबद्ध करने को व्याकुल हो उठता है। इसी समय कवि की कलम से जो कविता निकलती है वही उत्तम कविता होती है। कवि का लिखा ऐसा होना चाहिये, जो सहृदय-श्लाध्य हो, उत्तमोत्तम वस्तु हो। यह तभी संभव है जब कि कवि अपने हृदय से लिखे । कवि को आन्तरिकता ही उच्च काव्यकला का निर्माण कर सकती है। इसीसे कवि जैसा चाहता है वैसा ही संसार को अपनी रचना से बना देता है।५ जो कवि यशोलिप्सा वा अर्थलाभ की दृष्टि से साहित्य-सेवा करता है, उसकी रचना उच्च कक्षा को नहीं पहुँचती इस दशा में कवि की एकाग्र साधना संभव नहीं। कवि वा लेखक को तो समझना चाहिये कि 'सेवा ही सेवक का पुरस्कार है। यह न समझना चाहिये कि कवि जो लिखता है, वह सब मिथ्या है, कपोलकल्पित है । उसकी दुनिया निराली है। वह कल्पनालोक में विचरता है। वह जो देख सकता है, दूसरे नही देख सकते। उसके लिखने में संयम है, विवेक है और श्राह्लादन की शाक्त है । गेटे कहता है कि 'कलाकार को कलाकारिता सत्य और श्रादर्शस्वरूप होने के कारण यथार्थ है । १. काव्यकर्मणि समाधिः पर व्याप्रियते ।- काव्यमीमांसा २. A poet cannot compose unless he becomes inspired. ३. Poetry is the record of the best and happiest moments of the happiest and best minds. ४. The one great quality which a work of art truly contains is its sincerity. Tolstay ५. अपारे कान्य-मसारे कबिरेव प्रजापतिः। ____यथास्मै रोचते विश्न तथेदं परिवर्तते ॥ ६. Literature is its own reward. ७ न कवेबर्णन मिथ्या कविः सष्टिकरः परः । सर्वोपर्वेव पश्यन्ति कोऽन्ये न चैव हि ।' ८. The artist's work is real in so far as it is alway true, ideal in that it is never actual
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