सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/१२१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

और सुन्दर सहन्न वनवाये थे । कर्नाल से हांसी हिसार तक जमुनाजी न.ह-निकाली। इस ने अपने को गति वृद्ध समझ कर नसीरुद्दीन को राज्य दिया किन्तु इस के दो बरस पीछे नसीबद्दीन के दो भाइयों ने बलवा करके इस को निकाल दिया और फिरोज शाह के पोते गयासुद्दीन को तरन पर बैठाया। १३८८ में नब्बे वरम की अवस्था में फिरोज मरा, गौर उस के पांच ही सहीने वाद १३८८ में इन्हीं वलवाण्चों ने गयासुद्दीन को भी मार डाला और उस के भाई अबकर को वादशाह किया । अववकर साल भर भी राज्य नहीं कर पाया था कि नसीरुद्दीन उम्त को जीत कर आप वादशाह वन वैठा । चार वरम राज्य करके यह मर गया और इस का बडाबेटा हुमायं अपने को सिंकदर शाह प्रसिद्ध करके वादशाह हुन्पा यह केवल ४५ दिन जीआ और इस के पोछे इस का छोटा भाई महमूद तुग़लक वादशाह हुआ। [ १३८४ ] इस की अवस्था छोटी होने को कारगा राज्य में चारो ओर अग्रवंध हो गया और गुजरात, मालवा, और खांदेश के सूवे खतंत्र हो गये और वजोर विगड कर जोनपुर पा स्वतंत्र राजा बन बैठा । इमो रमय अमीर तैम-रलंग जो कि परमेश्व' को गनो मर्तिमगे महारगति घी बहुत से तातारि-यो लेकर हिन्दुस्तान मे आया [ १८८] यह लंगडा था । इस के नास खैमर साहब किरां और गेरकां थे और जगद्दाहक चंगेजखां के वंश में था।पंजाब के रास्ते में भटनेर इत्यादि जितने नगर या गांव मिले उनको प्रलय की तरह लूटता और जलाता हुआ दिलो को भी खूब लूटा और जलाया। लाख मनुष्य जो रास्ते में पकाई गये थे कृतन किये गये। १५ बरस से छोटे खडके गुलामी के लिये नहीं मारे गये । महमूट गुजरात में साग गया और तैमूर के नाम का खुतबा पढ़ा गया । सन् १३८८ में मेरट लूटता हुआ यह अपने देश चला गया । महमद फिर आया और ६ वरस राज्य करके स गया और टौलतखां लोदी ने १५ महीने तक राज्य किया। तैमूर के सूबेदार विज खा सैयद ने इस से राज्य छीन लिया । सैयद अहमद ने अपने नामजम नामक चक्र में नमीरुद्दीन आदि दो तीन वादशाह और लिखे है जो पौर तवारीखों में नहीं है।१४१४ से १४२१ तक रिज खो बादशाह रहा और उम के मरने पर उस का बेटा सुवारकशाह वादशाह हुआ। १४३६ से उसके मंत्री अबदुल सैयद गौर सदानन्द खुत्री ने उस को सार कर उसके भतीजे सुहम्मद को बादशाह बनाया। १४४४ ई. से इस को सरने पर इस का वेटा