कोड स्वराज
व्यवसायिक सीडी के रूप में जारी किया गया था। एक समय था जब आकाशवाणी सरकार का अभिन्न अंग था। ऐसा लगता था कि उनके आर्काइव को विस्तृत उपयोग के लिए उपलब्ध करना काफी रोचक कार्य हो सकता है।
7. भारत का एक वीडियो रिकॉर्ड- सांतवा, वीडियो आर्काइव, औडियो आर्काइव से काफी संबंधित है। हमने “भारत एक खोज” नामक कार्यक्रम के 53 एपिसोड पोस्ट किए हैं। यह अब भी उतना ही लोकप्रिय है जितना कि यह पहली बार प्रसारित होने पर था। रामायण को क्यों नहीं पोस्ट किया जाये? या उन हजारों शानदार गीतों, नृत्य, कला और भारत की संस्कृति और इतिहास को क्यों नहीं पोस्ट किया जाये? आकाशवाणी की भांति दूरदर्शन भी काफी समय तक सरकार का ही अंग था। अब वह स्वतंत्र एजेंसी है जिसका उद्देश्य सार्वजनिक है।
दूरदर्शन के अलावा, पूरे भारत में वीडियो के अन्य कई आर्काइव हैं, जिन्हें आसानी से उपलब्ध किया जा सकता है। यू.एस नेशनल आर्काइव से मेरा अनुभव यह रहा है कि उनके संरक्षित वीडियो का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिए। जब हमारे स्वयंसेवकों ने 6,000 वीडियो को कॉपी कर उसे उपलब्ध कराया, और उस पर 7.5 करोड़ से अधिक व्यूज़ मिले तो इससे पुरालेखकर्ता आश्चर्यचकित रह गए। आर्काइव का मुद्रीकरण (मोनेटाइजेशन) करने के गलत तरीकों के चलते, वीडियो को छुपाया जाता है, लेकिन ऐसा करने से शायद ही उनका व्यापक वितरण हो पाता है या उससे कोई बड़ी रकम मिल पाती है। इस तरह से, इतिहास को दूसरे से वंचित रखने से जनता की उचित सेवा (SelfEmployed Women's Association of India) नहीं होती है।
अच्छी गुणवत्ता वाले वीडियो, फोटो और ऑडियो उपलब्ध कराने का एक और पहलू है। फिल्म या न्यूज प्रोडक्शन, या उच्च गुणवत्ता वाली पत्रिका लेख लिखने का सबसे मुश्किल काम यह जानना है कि फिल्म के लिए "बी-रौल”, या प्रिंट के लिए “स्टाक फोटो” क्या क्या हैं। यदि आप यात्रा संबंधी लेख लिख रहे हैं, तो हो सकता है कि आपको ताज महल की तस्वीर की आवश्यकता पड़े। यदि आप भारत पर एक फिल्म बना रहे हैं, तो हो सकता है कि आप नेहरू की फुटेज चाहते हों। इस तरह के ऐतिहासिक सामग्री को प्राप्त करना अक्सर बहुत मुश्किल होता है।
ऐतिहासिक रिकॉर्ड के सार्वजिनक केंद्र को डिजिटाइज़ करके और इन सूचना को मुफ्त और अप्रतिबंधित उपयोग के लिए उपलब्ध कराने से सरकार, बॉलीवुड और समाचार मीडिया और सभी छोटे स्वतंत्र फिल्म निर्माता, लेखक और यहां तक कि छात्रों को भी एक अच्छा उपहार देगी। इससे वे अपने स्वयं के काम में इस सामग्री का उपयोग करना चाहें, तो कर सकेंगे। इस सामान्य सार्वजनिक कोर को बनाने से हम निजी गतिविधियों को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
ये सात कार्य क्षेत्र काफी मुश्किल पर काफी स्पष्ट हैं। मैं तीन और चुनौतियों को सामने रखना चाहता हूँ।
8. पारंपरिक ज्ञान;
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