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खग्रास

"जान ब्रेसफील्ड। परन्तु इसके बाद स्काट और एमडसन और शैकल्टन ने भी असफल अभियान किए थे। पर एक साथ इतने देशो के वैज्ञानिको का एक साथ ही प्रतिस्पर्धामूलक अभियान यह प्रथम ही है। तथा इसका दृष्टिकोण भी निराला है।"

बैरा नाश्ता मेज पर सजा गया। प्याले में चाय उड़ेलते हुए लिजा ने पूछा---"निराला दृष्टिकोण कैसा?"

"हमारी पृथ्वी के अतिरिक्त दूसरी दुनियाँ में भी बहुमूल्य खनिज सामग्री भरी पड़ी है जिनका मानव वहाँ पहुँचकर उपयोग कर सकेगा। ग्रहो और उपग्रहो पर इसी सामग्री से मशीनो और यन्त्रो का निर्माण किया जायगा। और इस तरह एक तरह से ग्रहो का उद्योगीकरण भी हो सकेगा।"

"क्या ये सब सुपने की बाते नही हैं?"

"तो क्या हम सो रहे है?" जोरोवस्की ने अट्टास किया। "खैर, दूसरी दुनियाँ की बाते छोड़ो। हमे अभी अपनी पृथ्वी ही के खनिज भण्डार का पूरा ज्ञान नहीं है। अब हम आकाश से पृथ्वी के खनिजो की खोज करेगे।"

"किस प्रकार?"

"मेरे विमान में चल कर तुम देखोगी कि आकाश से पृथ्वी के खनिजो की टोह लेने की दिशा में हमने क्या किया है। हमारे विमान में टनो वजनी ऐसे यन्त्र हैं जिससे पृथ्वी के ऐसे-ऐसे खनिज साधनो का पता लगाया जा सकता है जिनका पता स्वंय पृथ्वी पर रह कर नहीं लगाया जा सकता था। सोचो, वर्षा में भारी दलदल और झीलो के क्षेत्रो में स्थल मार्ग से पहुँचना सम्भव कहाँ है। किन्ही क्षेत्रो में जाड़ो में इतना जाड़ा और गर्मियो में इतनी गर्मी होती है कि वहाँ अन्वेषको का पहुँचना दूभर हो जाता है। ऐसी जगहो में हवाई जहाजो द्वारा कम खर्च, कम समय और कम दिक्कत से पहुचा जा सकता है। फिर यह तो अगम ध्रुव क्षेत्र है।"