"हाँ, हाँ, यह बात तो आप ही ने मुझे बताई थी।"
"परन्तु उस समय मुझे यह कहाँ मालूम था कि वे हम पर बाजी ले जाएँगे, और भीतर ही भीतर वे भी इस योजना को क्रियान्वित कर रहे हैं।"
"हॉ, इसकी तो हमे कल्पना भी न थी।"
"परन्तु हम तो अभी पूरी तैयारी कर भी न सके। और इधर रूस ने ४ अक्तूबर को ही स्पुतनिक अन्तरिक्ष में छोड़ कर हमारे मुँह पर करारा तमाचा जड़ दिया, जो पृथ्वी से ५६० मील की ऊँचाई पर ९० मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगाने लगा।"
"निस्सन्देह यह तो हमारी कल्पना से भी बाहर था। हम तो जो तैयारी अभी तक कर पाये थे, अधिक से अधिक पृथ्वी से सौ मील ही के अन्तर पर अपना उपग्रह फेंक सकते थे।"
"अजी हमे तो इसमे भी सन्देह था। इसी से हमने अपना उपग्रह छोड़ने का प्रोग्राम स्थगित कर दिया था।"
"यह तो अच्छा ही हुआ प्रोफेसर, वरना हमारी तो सारे संसार में भद उड़ जाती।
"खाक अच्छा हुआ। इस घटना ने तो सारे संसार का मुँह रूस की ओर फेर दिया। और हम देखते के देखते रह गये। अपनी सरकार से हमे झाड़ खानी पड़ी वह पृथक। प्रेसीडेण्ड आइक ने मुझे जो खत लिखा था--वह तो तुमने देखा था?
'देखा था। असल में प्रेसीडेन्ट की इज्जत भी खतरे में थी। हमारी सफलता ही पर उनका आगामी चुनाव में आना सम्भव है। सुना नहीं आपने भूतपूर्व प्रसीडेण्ट टू मैन ने उन्हे कैसी डाट पिलाई है।"
"उसी की खीझ तो प्रेसीडेन्ट ने हमारे ऊपर उतारी। फिर भी हम कुछ न कर पाये और रूस ने दूसरा उपग्रह तीन नवम्बर को फिर छोड़ दिया, जिसमे एक जीवित कुत्ता भी भेजा गया।"