गए थें, जहाँ से बहुत बड़ी संख्या में अनुसंधान राकेट छोड़े गए। तथा १२ कृत्रिम उपग्रहों को स्थापित करने की चेष्टा की गई।"
"क्या इस भगीरथ प्रयत्न के फलस्वरूप वैज्ञानिक कुछ तत्व प्राप्त कर सके हैं?"
"बहुत कुछ। वे यह तो प्रथम ही से जानते थें कि सूर्य से निकलने वाली अपार शक्ति दृश्य और अदृश्य किरणों के रूप में हम तक पृथ्वी पर पहुंचती है। कुछ अल्पकालिक अवस्थाओं में इस तथ्य को स्वीकार किया गया है कि सूर्य की दृश्यमान किरणों से निकलने वाली शक्ति की मात्रा आश्चर्यजनक रूप में एक जैसी रहती है।"
"क्या आप कह सकते हैं कि सूर्य पर धब्बें क्यों पड़ते हैं?"
"कुछ अदृश्य शक्तिशाली किरणें, जो पृथ्वी से बहुत ही ऊपर वायुमण्डल के आयनोस्फीयर तथा ओजोन खण्ड में रुक जाती है, उनसे भीषण विस्फोट होते हैं। इनके साथ ही सूर्य में धब्बें पड़ जाते है।"
"इन बातों से भी पृथ्वी के मौसम पर कुछ प्रभाव पड़ता है?"
"देखिए—जिस प्रकार रेडियो तक पहुंचने वाली ध्वनि तरंगें शब्दों की ऊँची और नीची मात्रा के कारण बदलती रहती हैं, उसी तरह सूर्य की परिवर्तनशील अल्ट्रावायलेंट किरणों के धमाकों से सूर्य सम्बन्धी सन्देशो की तीव्रता में भी परिवर्तन होते हैं। इस तरह विकिरण की सामान्य दशा में अल्ट्रावायलेंट किरणों की परिवर्तन शील यात्रा से भावी मौसम के बारे में भविष्यवाणी की जा सकेगी, ऐसा हम अनुमान करते हैं। परन्तु एक बात अत्यन्त महत्व की है।"
"वह क्या?"
"हम इस बात का पता लगाने में जी जान से लगे हैं कि क्या सूर्य-क्षेत्र में कोई सन्देश है? यदि है तो हमें उनका अर्थ समझना होगा।"
यह कह कर डाक्टर एवेन्स अत्यन्त गम्भीर हो गए। और कुर्सी से उठ कर बेचेनी से इधर-उधर टहलने लगें। उनके चारों ओर प्रयोगशाला के