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खग्रास

चमत्कार जब व्यर्थ हो गया तो इस देवी चमत्कार ने ही मुझे फिर से पृथ्वी पर पहुँचा दिया?"

"तुम्हारा मतलब है कि उल्का की टक्कर से?"

"बेशक। उस चमत्कारिक घटना की बात तो मैं तुम्हे अभी बताऊँगा पहले गति के सम्बन्ध में जो मुझे नए अनुभव हुए वह सुन लो।"

अभी जोरोवस्की ने कहने को मुँह खोला ही था कि फिर अकस्मात् लाल बत्ती जल उठी। लिज़ा ने कहा--"लो, फिर कोई हमारी बाते सुनने लगा। ठहरो, देखती हू।"

उसने बटन दबाया। डायल की सुई ज़रा सी काप कर स्थिर हो गई।

"अच्छा, तो ये तो वही महाशय है जो अभी हमारे साथ भोजन कर रहे थे। कौन नम्बर है उनके कमरे का?" लिज़ा ने डायरी पर नज़र डाली। "३९, ठीक है। हागकाग में चपत खाई थी, एक चपत यहाँ भी सही।" उसने कोई एक तार दूसरे तार से छुआ दिया। क्षण भर के लिए एक तीव्र प्रकाश से कमरा आलौकित होकर अन्धकार में डूब गया। लालबत्ती भी बुझ गई।

"यह तुमने क्या किया लिज़ा, इतना भारी शाक लगा होगा उस गरीब को कि अजब नही, मर ही जाय।"

"मरने दो कम्बख्त चोर को। मगर है वह सख्त जान। उस दिन मेरा तमाचा खाकर ही नहीं मरा तो अब भला क्या मरेगा।" लिज़ा ने इठलाकर कहा, "हाँ, कह चलो तुम। अब कोई नहीं सुन रहा।"

"मैं यह कह रहा था कि गति यदि एक समान रहे तो उसका जीवन कोषो पर कोई प्रभाव नही पड़ता। पर ज्यों ज्यों ऊपर अन्तरिक्ष में यान का वेग बढ़ता जाता है, प्राणी के शरीर का रक्तचाप बढ़ता जाता है, और वह अपना शरीर का नियन्त्रण खो देता है।"

"इसका आभास तो हमे साधारण वायुयान में ही मिल जाता है। कमजोर स्नायु के लोग तो उसी में अपना सन्तुलन खो देते हैं और वमन करने लगते है।"