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खग्रास

"वही, खर्चे की। चन्द्रमा तक पहुँचने में खर्च बहुत होगा। राकेट भेजने का खर्च ५०० रुपया फी मील होगा। यही कोई साढे बारह करोड़ रुपया।"

लिज़ा ताली बजाकर हँस पड़ी। हँसते-हँसते उसने कहा--"तब तो हम तुम जैसे रईस ही वहाँ पर जा सकेगे?"

जोरोवस्की ने कहा--"यह स्पष्ट है कि जो देश चन्द्रमा पर राकेट भेजने या उसकी परिक्रमा करने में सफल होगा, वह मानव इतिहास में एक नए युग का सूत्रपात करेगा। उसे मानव के लिए पृथ्वी के अन्य ग्रहो तक जाने का मार्ग खोलने का श्रेय प्राप्त होगा। और वह मनुष्य को यह सामर्थ्य प्रदान करेगा कि वह अनन्त विश्व मे जहाँ चाहे जाय।"

"लेकिन, चन्द्रमा ही को मानव ने क्यो अपना लक्ष्य बनाया है?"

"इसलिए कि चन्द्रमा ही पृथ्वी के सबसे अधिक निकट है। कृत्रिम उपग्रहो तथा अन्तरमहाद्वीपीय प्रक्षेपणास्त्रो की सफलता के बाद अन्तरिक्ष की विजय के लिए चन्द्रमा पर कदम जमाना ही आवश्यक है।"

"परन्तु चन्द्रमा तक पहुँचना तो बड़ी ही उलझन की चीज है।"

"यह तो है ही। फिलहाल जो उद्योग वैज्ञानिको ने किए है, उन्होने तीन प्रकार के राकेट तैयार किए है---प्रथम वह जो चन्द्रमा के तल से जाकर टकराए। यह एक साधारण राकेट होगा। दूसरा, जो चन्द्रमा की परिक्रमा करेगा यही राकेट पृथ्वी तक बहुमूल्य सूचनाएँ भेजेगा। तीसरा, जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण होगा, वह चन्द्रमा पर जाकर उतरेगा। यह राकेट सर्वप्रथम यन्त्र, फिर जीवजन्तु और उसके बाद मानव को चन्द्र लोक में पहुचाएगा।"

"और उसके बाद?"

"उसके बाद? क्या सच सच बता दूँ?"

"क्या कोई खास बात है?"

"हम सौर मण्डल की यात्रा करेंगे।"

लिज़ा उठकर खड़ी हो गई। आश्चर्य से उसकी आँखे फैल गई। जोरोवस्की ने गम्भीर होकर कहा--"बशर्ते कि हमारे ये सब प्रयत्न शान्तिकालीन रहे। इन पर युद्ध की काली छाया न पड़े।"