सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:ग़दर के पत्र तथा कहानियाँ.djvu/२४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गदर के पत्र अफसर इनचार्ज हैं, मैं उनकी चिट्ठियाँ आपके पास भेज रहा हूँ। जय मैं वहाँ से चला था, उस समय लगभग ४ लाख रुपए थे। मैं जोर से शिफारिश करता हूँ कि जो फौजें अब यहाँ आ रही हैं, उनके साथ काफी रुपया जरूर भेज दें। मुझे अपना विश्वास-पात्र समझिए- एच० एच० ग्रेट हेड