पृष्ठ:ग़दर के पत्र तथा कहानियाँ.djvu/३६

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पत्र नं. १ , . (जिसे हेनरी ग्रेटहेड पोलिटिकल सलाहकार ने जिनकी नियुक्ति देहली की निकटस्थ सेना पर थी, जॉर्ज कार्निक वारस के नाम ३० अगस्त सन् १८५७ ई० को लिखा था।) कैंप देहली के सामने ३० अगस्त, १८५७ प्रिय वारेंस, लीविस की इच्छा है, गोहाना में मालगुजारी वसूल करने की गरज से एक तहसीलदार नियत कर दिया जाय । मैं उन्हें एकाएक इस कार्यवाही को करने की आज्ञा नहीं दे सकता क्योंकि महाराजा जींध के प्रबंध से मुंडभेद हो जाने का भय है, परंतु यदि राजा साहब कुछ न कर रहे हों, तो मेरी इच्छा कि आप लीविस से कह दें कि वह अच्छे ढंग से मालगुपारी जमा करने का प्रबंध कर दे। मुझे विश्वास नहीं होता कि लखनऊ के लिये किसी प्रकार का भय है । हावलाक साहब बिठूर और शिवराजपुर में विद्रो- हियों को हराकर अपने पिछले और बाजुओं के भाग कोसा कररहे हैं। मैं यह नहीं सोच सकता कि भय की आशंका होने पर भी यदि लखनऊ की किलेबंद सेना को पाने के लिये