पृष्ठ:गीतारहस्य अथवा कर्मयोगशास्त्र.djvu/४२६

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सिद्धावस्था और व्यवहार। ३८७ और इसलिये से तंग का यतीय करो जो पौरों को भी सुखदायक हो ? इस शमा के निरसनार्य भीष्म ने युधिष्ठिर को धर्म के लक्षण बतलाते समय इससे भी अधिक खुलासा करके इस नियम के दोनो भागों का स्पष्ट उल्लेख कर दिया है- यदवहित मेन्छंदात्मनः कर्म पूधपः । न तत्परेणु कुर्वात जाननप्रियमात्मनः ॥ जीवितं यः स्वयं चच्छक साऽन्यं प्रघातयेत् । यादात्मनि नेच्छन तत्परसापि चिन्तयेत् ।। अर्थात् " हम दूसरों से अपने साथ जैसे वसांव का किंग जागा पसन्द नहीं करते- यानी अपनी पसन्दगी को समझ कर-वैसा घसांव में भी दूसरों के साथ न करना चाहिये । जो स्वयं जीवित रहने की हरदा करता है, यह दूसरों को कैसे मारेगा? ऐसी रचा रखें कि जो हम चाहते हैं, वही और लोग भी चाहते है" (शां. २५८. १६, २१)। और दूसरे स्थान पर इसी नियम को बतलान में इन 'अनुकूल' अथवा प्रतिकूल 'विशेषणों का प्रयोग न करके, किसी भी प्रकार के प्राचरण के विषय में सामान्यतः विदुर ने कहा ई- तस्माद्धर्मप्रधानेन भवितव्यं यतात्मना । तथा च मर्वभूतु वर्तित यगात्मनि || " इन्द्रियनिग्रह करके धर्म से व्रतना चाहिंग; और अपने समान ही सब प्राणियों से यतांच करे " (शां. १६७. ६)। पयोंकि शुकानुमान में व्यास कहते हैं- यावानात्मनि घेदारमा तावानात्मा परात्मनि । य एवं सततं नेद ऽमृतत्वाय कल्पते ॥ "जो सदैव यह जानता है कि हमारे शरीर में जिसना नात्मा है उतना ही दूसरे के शरीर में भी है, यही अमृतत्व मान मोक्ष प्राप्त कर लेने में समर्थ होता ई" (मभा. शां. २३८. २२)। उद को आत्मा का शास्तित्व मान्य न घा; फम से कम उसने यह तो स्पष्ट ही कह दिया है कि प्रात्मविचारों की व्यर्ग उल- झन में न पड़ना चाहिये; तथापि उसने, यह बतलाने में कि बौद्ध भिक्षु लोग मौरों के साथ कैसा यतांव करें, भात्मपिम्य-ष्टि का यह उपश किया है- यथा अई तथा एतं यथा एत तथा भाम् । अत्तानं (आत्मान) उपमें कन्या (कन्या) न हनय न घातगे॥ "जैसा मैं वैसे ये, जैसे ये वैसा मैं, (इस प्रकार) अपनी उपमा समझ कर न तो (किसी को भी) मारे और न मरवाये " (देखो मुत्तनिपात, नालकपुत्त २७)। धम्मपद नाम के दूसरे पाली चौद्धग्रन्य (धम्मपद १२६ और १३०) में भी इसी श्लोक का दूसरा चरण दो बार ज्यों का त्यों आया है और तुल्त ही मनुस्मृति (५. ४५) एवं महाभारत (अनु. 1१३.५) इन दोनों ग्रन्थों में पाये जानेवाले श्लोकों का पाली भाषा में इस प्रकार अनुवाद किया गया है-