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मालवा कुढ़कर पूछा-"तुम उसके सामने फूदते हुए कितने अजीव दिखाई दे रहे थे! मैं मुश्किल से अपनी हंसी रोक सकी।" "यह तुम्हें अजीव दिखाई दे सकता है ! परन्तु अय मुझे क्या करना चाहिए?" "तुम्हें यह बात पहले सोच लेनी चाहिए थी।" "मैं इस बात को फेसे जान सकता था कि समुद्र उसे इस तरह इस किनारे पर फेंक देगा ?" पैरों के नीचे बालू के खिसकने की आवाज ने उन्हें याकोव के पाने को सूचना दे दी और उन्होंने बातें बन्द करदी । याकोब एक छोटा-सा झोला लाया और उसे एफ कोने में फेंककर उस औरत की तरफ गुस्से से कनखियों द्वारा देखने लगा। वह धाराम से सरबूज के बीज कुटकती रही । वासिली पेट के सने पर बैठ गया और हथेलियों से अने घुटने सलते हुए मुस्करा कर बोला पच्छा, तो सुम या या गए........."तुम्हें पाने का रयाल कैसे पाया!" "श्रोह, पैसे ही"हम लोगों ने तुमको लिखा या ..." "कय ! मुझे सत कभी नहीं मिला।" "क्या ऐसी बात है ! परन्तु हम लोगों ने लिया था... " "मुमकिन है सत किसी दूसरी जगह पहुंच गया हो" निरागा के स्वर में घासिनी योला-"शैतान ने गुम कर दिया होगा। तुम्हारा क्या रयाल है। तय तुम्हे उसकी जरूरत होती है यह रास्ता भूल जाता है।" "मला, तो सुम्हें यह नहीं मालूम कि घर पर पया घटना घटी" नाकोव ने अविश्वासपूर्वक पपने बाप को घोर देखते हुए पूछा। "मुझे कैसे मालूम होता! मुझे तुम्हारा पन ही नहीं मिला।" याकोव ने पर उसे बताया कि टनका घोडा भर गया है, कि उनके फ्ले का भंडार फरवरी में ही साम होगा था, कि उसे कोई काम नहीं मलाई, कि पास बम हो गई है और गाय माने को हो रही है। टन