पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/१२१

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मोड्पीया की लड़की १२३ ___ " मेरा ख्याल है कि वह गर्भ से है इसलिए ऐसी बातें करती है, " उसने उन बातों को याद कर अपने मन को प्रसन्न बनाने की कोशिश की और लड़की को गोद में उठा लिया । । 1 याकोव चुपचाप मेज पर बैठ गया और उसकी लड़की उसके घुटनों पर चढ़कर उसकी दाढ़ी के भीगे घुघराले बालों को अपनी छोटी छोटी उँगलियों से सहलाती हुई चहकती रहो : _ " प्रोलगा दादा के साथ नाच में जायगी और ममी दूर रहेगी । गाही पर-- घोड़े पर ! " ___ " चुप रहो, श्रील्गा ! मैं दिन भर तुझ से परेशान रहती हूँ " उसकी माँ ने कठोर होकर कहा । पावेल की इच्छा हुई कि अपनी स्त्री के माथे पर कसकर एक चम्मच मारे शोर उस मारने से उठी हुई प्रावाज सारे अहाते और बाहर सड़क तक सुनाई दे । परन्तु अपने इस विचार को उसने क्रोधपूर्ण श्राकृति द्वारा हो प्रकट कर अपने को रोक लिया और अनिच्छापूर्वक सोचा : - " तुम ज्यादा जानती होगी ... . " ससुर महोदय भीतर श्राए , मेज पर बैठे , अपने पतले होठों को सगे चेहरे पर फैलाते हुए येवकूफों की तरह प्रसन्नता से हमे और अपनी जेब से एक छोटी सी बोतल निकाली । " ये वहाँ जाते हैं ! " दाशा नाक भी चढ़ाकर बोली । याकोव ने अपनी मुस्कराहट छिपाने के लिए सिर नीचा कर लिया । वह पहले ही जानता था कि वालेक क्या जवाब देगा : " जब तक खुद वहाँ न जानो यह नहीं मिल सकती ! " उम उढे की केजी पॉरव श्जीन टन से नाचने लगी जिस समय पर चीतल से गरगलाहट को भावान के माय बाहर निकलती हुई शराप को गने लगा । गिलास को खाली कर उमने तृप्त होकर पपने हॉट चाटे । किन मटकी वाधकर उनकी और देयने लगा । उम मोची ने कुन को सम्बोधित परने एए कहा .