सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/१२३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

मोवीया को लड़की १२५ पर पीली श्राना चमकती है । वे उसे बहुत पसन्द है । वह इन्हें खरीद कर बडो प्रसन्न हुई थी । शाम को उसके साय चलतो हुई, शहर की प्रमुख सड़क पर वह ना पेट लेकर चलेगी । उसके होठ कठोरतापूर्वक बन्द होंगे और भौहों में गांठ पड़ी होंगी । इस वेशभूषा में वह एक दुकानदार सी लगती है । और जब रास्ते में उन्हें उसके सायो मिलेंगे तो पावेल उनकी प्रोखों में उपहास की ___ एक उत्तेजित चमक देखेगा । उसका शरीर गर्मी से झनझना उठेगा जैसे किसी न दिखाई देने वाले परन्तु भारी शरीर ने उसे गर्म और दम घौटने वाले यालिंगन में जकट लिया हो । उसने हमसे कोई दूसरी बात सोचना अच्छा समझा, जोर से मोचना , जिससे इस विचार से उसे मुक्ति मिल सके । ___ " शाज दोपहर के साने के समय टाइम कीपर कुलीगा ने बिजली के फ्रांसीसी कारीगरों के बारे में बताया था ... " उसकी स्त्री ने जल्दी जल्दी साना शुरु कर दिया और उसके ससुर ने और भी धीरे धीरे । ससुर के होंठ मुड़े और उसके चेहरे और गंजे सिर पर एक मुस्कराहट फैल गई । " यह संगठन तुम्हारे लायक है ! " पावेल ने स्वप्निल दशा में कहा । " और जर्मनी में क्या हाजत है ? " वालेक ने शहद जैसी मोठी श्रावाज __ में घासमान की तरफ थपनी साम्ब उठाते हुए पूदा । । " यहाँ सब ठीक है । पार्टी का सगाउन यहाँ घड़ी की तरह काम कर रहा है ... • " . . " इसके लिये इंग्चर को धन्यवाद है ! " युट्टे ने कहा, " मुझे इस __ यात की चिन्ता होने लगी कि जर्मनी में मय काम ठीक तरह से चल रहा है या नहीं । " वालेफ की घावात एकश हो उठी थी । पावेल घेचैन होने लगा । यह उन शब्दों को जानता था जो हम पुढे के हिलवे हुए काले शतों में होकर लगवाने हुए बाहर निकलेंगे । युर ने अपने गाल फुजा लिए थे,