१४४ मोड वीया की लड़की -- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - को इकट्ठा करके वह श्रादमियों की बुराइयों को खूब अच्छी तरह से जान गई थी । इसी से कभी किसी के विषय में अच्छी बातें नहीं करती थी । बात करते समय वह अपनी घृणा के पूरे खजाने को खाली करने को तैयार रहसो यो । अक्सर अपने पति के सिर पर गन्दी और झूठी बातें थोरकर उसे बड़ा श्रानन्द और मजा पाता । "यह सच नहीं , दाशा " वह शकित होकर आपत्ति उठाता । वह शिकायत करती हुई जवाब देतो : "बिलकुल सच है । अपने कामरेडों का तो तुम विश्वास करते हो , मैं जानती है , लेकिन स्त्री का नहीं .. .. " पत्नी के इस भाषण के नीचे दबकर पावेल के अच्छे विचारों की पूरी शक्ति नष्ट हो जाती, उसे लकवा मार जाता और वे विचार एक ऐसे हृदय में दवा दिए जाते जो निरसर अपनी स्त्री के सम्मुख खामोश रहने का श्रादी होता जा रहा था । ___ वह बिना कुछ कहे उसके भाषयों को सुनता रहता और चुपचाप . सीटी बजाते हुए सोचता • ___ "वह समझती नहीं - मुझे ताज्जुब है वह कभी समझ भी सकेगी या नहीं " वह नारी की कोमलवा का भूखा था । कुछ ऐसी चीज जो गहरी और पूर्ण हो तथा जो रक्त को वेग से सम्वलित कर आत्मा में एक ज्वाला उत्पन्न कर दे । परन्तु श्रारमा का वह प्यार पाने के लिए वह शहर की बाहरी सीमा पर जाता - उस बदसूरत मोड वीया की लड़की लिजा से पाने के लिए जिसमें गुणों का सौन्दर्य था । लिज़ा उसके जीवन की / कहानियों और भविष्य के सपनों की बातें सुनकर बहुत खुश होत यो । यह देखना वड़ा अच्छा लगता था कि एक श्रादमी तुम्हारे सामने बैठा हुआ तुम्हारे मुंह से निकले हुए प्रत्येक शब्द को भूखे की सरह निगनता चला जाता है जैसे गहरी मुझ से उठकर कोई व्यक्ति गहरी सासें लेता है ।
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