पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/१४३

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मोदीया को लड़की उसके सूखे हृदय में भी कोई ऐसी चीज थी जो पावेल के लिए ___ अपरिचित और रहस्यमय थी । ऐसा लगता जैसे कभी-कभी वहाँ एक छोटी । सो भूरी चिड़िया कुहुक उठती हो । " तुम चर्च जाते हो ? " एक्बार उसने पावेल को प्यार से दवाठे "नहीं, तुम जानती हो . . . . . " काफी देर बाद पावेल उसे यह समझा सका कि वह चर्च क्यों नहीं जाता परन्तु जब वह बताना साम कर चुका तो यह वोली : " एक ही बात है । तुम दुनियों में शान्ति फैलगने की बातें करते हो और चर्च में भी वे सारे विश्व में शान्ति फैजाने की बातें करते हैं . . ... " " नहीं, एक मिनट ठहरो ! मै संघर्ष की बातें करता हूँ " " लेविन संघर्ष भी तो उसी के लिए है - चारों ओर शान्ति लाने के लिए ..... " ___ पाल ने उससे फिर वहम को । यह उत्तेजित हो उठा और अपने - हाथ घुमारी हुए उसने मेज पर घूसे मारे । इस बात का अनुभव कर बार और उत्पादित हो उठा कि श्रर यह अपने विचारों को अधिक प्रासानी संचार अच्छी तरह कह पा रहा है । यह सोचकर वह बहुत खुश हुधा । ___ यह मोडबोया की लपको उसो हठ के साय जवाब देनी रही : " नहीं, मुझे यह अच्छा लगता है जब पादरी अपनी गम्भीर प्राधान में काता है - भगवान को शान्ति नुम सब को प्राप्त हो । मैं इस बात को चिन्ता नहीं करती कि यह कौन कहता है जब तक कि मनुष्य शान्ति के सन्दश को सुन रहे हैं । " जोर उमर मटकर सही होती हुई, टमको शो में देवी दुई यह धीमी गौर उरी मायाज में बोली : "तुम देवी न, क मीबदमिजान माह- जगह धामी पर में - मरावतानों में गौर बागागे में -- जगा । गर सेना शुरू में दो में उपज को न करेंगे ।