मालवा हिला दो और ये एक दूसरे की हट्टी पसली एक वरने लगेंगे " श्राधे मजाक और श्राधी उत्सुकतापूर्वक बोतने हुए पयोमका ने मालवा को विस्तार से समझाया और पूरे उत्साह पूर्वक उसके उग्य पार्ट का कर्पण भी बताया जो उसे अदा करना था । ___ " श्रोह ! अगर मैं एक सुन्दर प्रौरत होता । क्या मैं हन दुनियाँ में कोई हलचल न पैदा करता { " उसने अपने हाथों को सिर पर रखकर और घाँखों को तन्मयतापूर्वक बन्द करते हुए अपनी बात मग की । चाँद पानमान में ऊंचा चढ़ चुका था जब ये दोनो गालग हुए और उन लोगों के वहाँ से जाते ही रात्रि का मोटर्य द्विगुणित हो उठा । पर केवल वह अनन्त सागर , रपहला चाँद और तारों से भग हरा नीला प्राकाम रह गया । वहाँ इनके अलावा रेत के टीले, उन पर उगी हुई छोटी छोटी माटियाँ और दो लन्बी टूटी फूटी, बालू मे खड़ी हुई इमारतें जा दो निशान गुरदरे बने हुए लाश रचने के बक्सों की तरह दिखाई दे रही थीं , भी पड़ी हुई थीं । परन्तु ये सब मसुत्र की तुलना में अत्यन्त माधारण श्रीन नगण्य दिराई, टे हे थे । और तारे जो झांक कर इसे देख रहे थे, गान्त यौर शीतल प्रकाश दिटका रहे थे । बाप और बेटा झोपड़ी में प्रामने सामने के हुए बोटका पी रहे थे । बेटा अपने माय बोलका लेता प्राता था ग्लिले बाप से माय उनकी मुलाकात मनहम न बन जाय चौर इसलिए मीकि बाय रा दिल उनको नरक में नरम हो जाय । समिका ने उसे बता दिया था कि माना की बाद में उसका बाप उसने नाराज था और यह कि उनने माला से मारने मारते बदन कर देने की धमकी दी है, और यह कि मालया इस बात को जाननी थी । एसी घर मे ग्रह उग प्राम- मपंग करने में हिचक रहो यो । सयोंजा में उनमें मजाक करते हुए पहा याः "यह तुम्हारी सनी के लिए नुन्ने सुरत पर गा । यह नुनमा यान नागानांचना जागाजतन किये गज भर लगना जायगे । मलिएकाही कि तुम नाया । " । इन लार वाली गाने, प्रगिवानी पनि , नाने : यार
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