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पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/८१

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मालवा याकोव ने मालवा को एक गुजती हुई वीखी आवाज में कहते सुना : "मेरा चाकू किसने लिया ?" लहरें शोर मचाती हुई छोटे उछाल रही थीं, सूरज चमक रहा था और समुद्र हँस रहा था।