पृष्ठ:गोल-सभा.djvu/१०१

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नवा अध्याय ६१ स-वे जुर्मानों और जमानतों की रकमें, जोसत्याग्रहियों तथा प्रेस-ऐक्ट के बमुजिब लोगों से ली गई हैं, वापस दे दी जायँ । द-आंदोलन के कारण जिन लोगों ने सरकारी नौकरियों से तथा सरकारी संबंधों से त्याग-पत्र दे दिए हैं, उनमें से जो लोग अपने इस्तीफे वापस लेकर सरकारी नौकरी या अपना वह संबंध फिर कायम रखना चाहें, तो वे स्वीकार किए जाय। ह-वाइसराय के बनाए हुए आर्डिनेंस हटा दिए जायें । मेरे ये विचार एक कैदी के विचार हैं, क्योंकि मैं एक कैदी की हैसियत में हूँ, जो इस बात का कोई हल नहीं रखता कि वह राजनीतिक मामलों में अपने विचारों को प्रकट कर सके, क्योंकि जिसके संबंध में वह अपने विचार प्रकट करेगा, उससे वह अलग करके जेल के तालों के भीतर बंद कर दिया गया है, उसके संबंध में उसकी अब कुछ जानकारी नहीं है । इस- लिये मैं समझता हूँ कि मेरे विचार हो, इसके संबंध में, अंतिम विचार नहीं हैं । मेरा तो इसके लिये तभी दावा हो सकता है, जब मैं आंदोलन के साथ होता । मि० जयकर और डॉ. को चाहिए कि वे इसके संबंध में पंडित मोतीलाल नेहरू, पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल को तथा उन लोगों को समझावें, जो आंदोलन के इंचार्ज हैं। यदि शर्ते मंजूर हो जायें, तो मुझे गोल-सभा में सम्मिलित होने के संबंध में चिंतना न करनी चाहिए, किंतु उसी अवस्था में जब जेल से निकलकर सभा में जानेवालों के साथ बात- स