नवां अध्याय १०६ सरकार की ओर से जो व्यवहार किया जा रहा है, और वाइसराय की ओर से जो पत्र लिखा गया है, उसका एक-एक अक्षर यह साबित करता है कि समझौता करने की सरकार की इच्छा नहीं। कांग्रेस की वर्किग कमेटी को गैर-कानूनी संस्था करार देना और आंदोलन के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करना सिवा इसके और क्या अर्थ रखता है ! हम इन गिरफ्तारियों और अमानुषिक व्यवहारों की कोई शिकायत नहीं करना चाहते, बरन् हम उनका स्वागत करते हैं । हमारे ऐसा लिखने का अभिप्राय केवल यह है कि सम- झौते के संबंध में सरकार की इच्छा और अनिच्छा को हम भली भाँति जानते हैं । संपूर्ण भारतवर्ष में वर्किंग कमेटी का अस्तित्व मिटाने की इच्छा और उसकी बैठकों को रोकने का प्रयत्न यह अर्थ रखता है कि आंदोलन बराबर चलता रहे, और समझौता न हो, और सरकारी जेलें आंदोलनकारियों से भरी रहें। लॉर्ड इरविन का पत्र और ब्रिटिश सरकार का व्यवहार इस बात को स्पष्ट करता है कि सर सप्रू और मि० जयकर की कोशिशों का कोई नतीजा न निकले । हमारे और लॉर्ड इरविन के बीच जो अवस्था है, उसकी एक-एक बात पर विस्तार के साथ लिखने की आवश्यकता थी, किंतु वैसा न करके हम लॉर्ड इरविन के पत्र की खास-खास बातों का ही यहाँ पर उल्लेख करना चाहते हैं। प्रारंभ में वाइसराय
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