११४ गोल-सभा हमारा विचार है कि समझौते के संबंध में सब बातें प्रका- शित करने में अब अधिक विलंब न किया जाय । इसलिये कि अब सर्वसाधारण को अंधकार में रखना उचित न होगा। इसके लिये हम सर तेजबहादुर सपू और मि० जयकर से अनुरोध करेंगे कि वे समझौते के संबंध में जो पत्र-व्यवहार हुआ है, वह सब प्रकाशित कर दें, और उस कार्यवाही की एक प्रति कांग्रेस के स्थानापन्न सभापति चौधरी खलीक्रुज्जमा के पास भेज दें। हम समझते हैं कि इसके संबंध में हमको कुछ भी न करना चाहिए, जब तक कि वर्किग कमेटी हम लोगों को किसी प्रकार की सूचना न दे। मोतीलाल नैनी सेंट्रल-जेल ३१।६।३० जवाहरलाल ५ सितंबर को १ बजे फिर महात्माजी और कांग्रेस के नेताओं के साथ सप्र-जयकर-सम्मेलन हुआ। १ घंटे तक विवाद होता रहा। अंत में महात्माजी ने समझौते से इनकार कर दिया। इस समय उन्होंने इन दोनो सज्जनों को एक पत्र दिया । वह इस प्रकार था- यरवदा-सेंट्रल-जेल ५।६।३० प्रिय मित्रो, वाइसराय ने २८ अगस्त को आपके नाम जो पत्र लिखा है, सैयद महमूद
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